आज के इस डिजिटल दौर में हमारे लिए इंटरनेट और ऑनलाइन बैंकिंग का उपयोग बेहद ही जरूरी हो गया है। दरअसल हमें कई बार बाजार में या किसी भी समय इंटरनेट बैंकिंग या ऑनलाइन बैंकिंग की जरूरत पड़ जाती है। ऐसे में आज के समय में इसका उपयोग करना जरूरी लगने लगा है। लेकिन इसके बढ़ते उपयोग के साथ-साथ अब इससे फ्रॉड (OTP Fraud) के खतरे भी बढ़ने लगे हैं। आए दिन लोगों के साथ धोखादड़ी के मामले सामने आते हैं।
दरअसल आजकल साइबर अपराधों का जोखिम इतना बढ़ गया है, कि आए दिन इसके मामले देखने को मिलते हैं। वहीं साइबर ठग लोगों को ठगने या धोखा देने के लिए नए तरीके अपनाते हैं, जिनमें सबसे आम तरीका ओटीपी (OTP Fraud) फ्रॉड होता है। ऐसे में इससे बचना आज के समय में बेहद जरूरी हो गया हैं।
कैसे होता है फ्रॉड? (OTP Fraud)
आपको बता दें की जब भी हम ऑनलाइन लेनदेन करते हैं तो इसको पूरा करने के लिए आपको एक ओटीपी दर्ज करना होता है जो आपके मोबाइल नंबर पर आता है। दरअसल लेनदेन को और भी सुरक्षित बनाने के लिए ओटीपी का उपयोग किया जाता है, लेकिन आज के समय में साइबर ठग करने वाले अपराधी किसी तरकीब से इस ओटीपी का पता लगा लेते हैं और लोगों के साथ धोखादड़ी को अंजाम देते हैं। दरअसल कई बार लोग अपने मोबाइल पर आए ओटीपी की जानकारी उन्हें थमा बैठते हैं। जिसके चलते उनके साथ ठगी हो जाती है।
Safety tip of the day: Beware of fraudulent activities online.#indiancert #cyberswachhtakendra #staysafeonline #cybersecurity #besafe #staysafe #mygov #Meity #onlinefraud #cybercrime #scamming #cyberalert #CSK #CyberSecurityAwareness pic.twitter.com/eay125jmxt
— CERT-In (@IndianCERT) September 11, 2024
वहीं अब हाल ही में सरकारी संगठन इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (CERT-in) ने ऐसे होने वाली धोखाधड़ी से बचने के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव बताए हैं।
CERT-in ने बताए जरूरी टिप्स:
दरअसल ओटीपी धोखाधड़ी से बचने के लिए सरकारी संगठन इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम कई जरूरी टिप्स बताए हैं। बता दें कि CERT-in के अनुसार अज्ञात कॉल्स से सावधान रहें और अपनी कोई भी गोपनीय जानकारी साझा न करें। बैंक या वित्तीय संस्थान कभी फोन या मैसेज के जरिए आप से ओटीपी नहीं मांगते हैं। इसके साथ ही जानकारी के लिए हमेशा आधिकारिक वेबसाइट का ही उपयोग करें। फर्जी ऑफर्स या लिंक पर क्लिक करने से बचें और अपना ओटीपी हमेशा गुप्त रखें। इसके अलावा ऑनलाइन खातों की सुरक्षा के लिए दो-चरणीय प्रमाणीकरण का इस्तेमाल करें और सुरक्षित ऐप्स या वेबसाइट्स से ही लेन-देन करें।