स्कैम का नया तरीका, फोन उठाते ही खाली हो जाएगा बैंक अकाउंट, NPCI ने जारी किया अलर्ट, भूलकर भी न करें ये काम 

एनपीसीआई ने कॉल मर्जिंग स्कैम को लेकर चेतावनी दी है। छोटी सी भूल पूरा बैंक अकाउंट खाली कर सकती है। आइए जानें साइबर अपराधी लोगों को कैसे धोखाधड़ी का शिकार बनाते हैं और इससे कैसे बचा जा सकता है?

Manisha Kumari Pandey
Published on -

डिजिटलाइजेशन ने वित्तीय क्षेत्र में बड़ा योगदान दिया है। छोटे से बड़े लेनदेन के लिए लोग यूपीआई या अन्य प्लेटफ़ॉर्म का इस्तेमाल कर रहे हैं। डिजिटल ट्रांजेक्शन के साथ-साथ धोखाधड़ी के मामले भो बढ़ते जा रहे हैं। साइबर अपराधी नए-नए तरीके से स्कैम को अंजाम देते हैं। इन दोनों धोखाधड़ी का नया तरीका सामने (Call Merging Scam) आया है।

स्कैमर्स कॉल मर्जिंग के जरिए ओटीपी प्राप्त करते हैं और ठगी को अंजाम दे रहे हैं। जिससे नागरिकों को वित्तीय नुकसान होता है। उनके अकाउंट से पैसे कट जाते हैं। ऐसे मामलों को  लेकर नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने अलर्ट जारी किया है। नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी है।

MP

कैसे होता है स्कैम?

पहले पहले तो स्कैमर अनजान नंबर से कॉल करते हैं। किसी इवेंट के लिए आमंत्रण या अवसर का दावा करते हैं। यह कहते हैं कि उन्हें आपका नंबर किसी दोस्त से मिला है। इसके बाद किसी “अनजान नंबर से आपका दोस्त कॉल कर रहा है” कहकर कॉल को मर्ज करने का अनुरोध करते हैं। लेकिन तीसरा व्यक्ति आपका दोस्त नहीं होता, बल्कि  बैंक की तरफ से ओटीपी कॉल होता है। ओटीपी साझा करते हि साइबर अपराधी ट्रांजेक्शन को पूरा कर लेते हैं। और आपके अकाउंट से पैसे कट जाते हैं।

बचाव के लिए करें ये काम

  • किसी भी अनजान नंबर से प्राप्त कॉल या मैसेज को सत्यापित करें फिर जवाब दें।
  • यदि कोई मर्जिंग क कॉल आता है तो इसे स्वीकार न करें। कॉलर की पहचान को सत्यापित करें।
  • फोन या मैसेज पर ओटीपी या बैंक डिटेल साझा करने से बचें।
  • यदि आपको किसी अपेक्षित ट्रांजेक्शन के लिए ओटीपी प्राप्त होता है तो तुरंत 1930 पर कॉल करें। इस बात की जानकारी दें। ताकि आपका बैंक सतर्क हो जाए।

About Author
Manisha Kumari Pandey

Manisha Kumari Pandey

पत्रकारिता जनकल्याण का माध्यम है। एक पत्रकार का काम नई जानकारी को उजागर करना और उस जानकारी को एक संदर्भ में रखना है। ताकि उस जानकारी का इस्तेमाल मानव की स्थिति को सुधारने में हो सकें। देश और दुनिया धीरे–धीरे बदल रही है। आधुनिक जनसंपर्क का विस्तार भी हो रहा है। लेकिन एक पत्रकार का किरदार वैसा ही जैसे आजादी के पहले था। समाज के मुद्दों को समाज तक पहुंचाना। स्वयं के लाभ को न देख सेवा को प्राथमिकता देना यही पत्रकारिता है।अच्छी पत्रकारिता बेहतर दुनिया बनाने की क्षमता रखती है। इसलिए भारतीय संविधान में पत्रकारिता को चौथा स्तंभ बताया गया है। हेनरी ल्यूस ने कहा है, " प्रकाशन एक व्यवसाय है, लेकिन पत्रकारिता कभी व्यवसाय नहीं थी और आज भी नहीं है और न ही यह कोई पेशा है।" पत्रकारिता समाजसेवा है और मुझे गर्व है कि "मैं एक पत्रकार हूं।"

Other Latest News