Google Removed Indian Apps: Google ने इंडिया में इन Apps को प्ले स्टोर से किया रिमूव! इस वजह से लिया गया फैसला

गूगल के इस पॉलिसी की जमकर आलोचना हो रही है। जिस पर KUKU FM के सीईओ लाल चंद बिशु ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट साझा करते हुए आलोचना की है।

Shashank Baranwal
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Google Removed Indian Apps: गूगल ने भारतीय एप्स के खिलाफ एक बड़ा एक्शन लिया है। जिसके तहत भारत के कई जाने माने एप्स को गूगल ने एंड्राइड प्लेस्टोर्स से हटा दिया है। वहीं गूगल के इस फैसले पर इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (IAMAI) ने आलोचना की है। साथ ही बैन एप्स को दोबारा से प्ले स्टोर्स पर अपलोड करने की बात कही है।

इन एप्स पर गूगल ने लगाया बैन

  • KUKU FM
  • Bharat Matrimony
  • Shaadi.com
  • Naukri.com
  • 99 acres
  • Truly Madly
  • Quack Quack
  • Stage
  • ALTT (Alt Balaji)

जानिए क्यों हटाया गूगल प्ले स्टोर्स से एप्स

गूगल ने इन भारतीय एप्स के खिलाफ रिमूव कार्रवाई बिलिंग पॉलिसीज में खरा ना उतरने के कारण लगाया है। एप्स द्वारा गूगल को सर्विस फीस नहीं दिया गया था। इसके लिए गूगल की तरफ से इन एप्स को चेतावनी भी दी गई थी। इसके बावजूद भी एप्स की तरफ से कोई उचित कार्रवाई नहीं की गई। हालांकि, गूगल ने बैन हुए सभी एप्स की लिस्ट को अभी जारी नहीं किया है। वहीं, जो स्टार्ट अप एप्स हैं वो चाहते हैं कि गूगल की तरफ से कोई भी सर्विस फीस न लिया जाए। इसी के मद्देनजर कोई भी सर्विस फीस नहीं दी गई थी। गूगल के इस फैसले पर सुप्रीम कोर्ट में अर्जी भी लगाई गई थी। जिस पर गूगल के फैसले को हरी झंडी मिल गई है।

इस पॉलिसी की हो रही आलोचना

गूगल के इस पॉलिसी की जमकर आलोचना हो रही है। जिस पर KUKU FM के सीईओ लाल चंद बिशु ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट साझा करते हुए आलोचना की है। इसके साथ ही Naukri.com और 99 acres के निर्माता संजीव बिखचंदानी द्वारा भी गूगल की इस कार्रवाई की निंदा की गई है।


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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