बाराबंकी के श्रीरामस्वरूप यूनिवर्सिटी में छात्रों पर हुए लाठीचार्ज के मामले में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया है। एबीवीपी ने लखनऊ के कैसरबाग कार्यालय में प्रेस वार्ता कर इस घटना में शामिल पुलिसकर्मियों और बाहरी गुंडों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। संगठन ने चेतावनी दी कि यदि 48 घंटे में कार्रवाई नहीं हुई तो प्रदेशव्यापी आंदोलन शुरू किया जाएगा।
विवाद की शुरुआत यूनिवर्सिटी में एलएलबी पाठ्यक्रम के नवीनीकरण और मानकों की कमी को लेकर छात्रों के शांतिपूर्ण प्रदर्शन से हुई। एबीवीपी का आरोप है कि विश्वविद्यालय प्रबंधन के इशारे पर पुलिस ने छात्रों पर बर्बर लाठीचार्ज किया, जिसमें कई छात्र घायल हुए। संगठन ने दावा किया कि बाहरी गुंडों ने भी एबीवीपी कार्यकर्ताओं पर हमला किया। एबीवीपी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर लाठीचार्ज के लिए जिम्मेदार पुलिसकर्मियों और गुंडों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है।
जांच के साथ सख्त कार्रवाई के आदेश
तीन दिन पहले शुरू हुए इस प्रदर्शन का कारण यूनिवर्सिटी में एलएलबी की मान्यता का नवीनीकरण न होना था, जिससे छात्रों का भविष्य खतरे में पड़ गया। छात्रों का आरोप है कि विश्वविद्यालय प्रबंधन ने पुलिस के जरिए प्रदर्शन को दबाने की कोशिश की। लाठीचार्ज की घटना के बाद मामला गरमाने पर प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई शुरू की। मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी ने अयोध्या के मंडलायुक्त और आईजी को जांच के साथ सख्त कार्रवाई के आदेश दिए।
लाठीचार्ज का आदेश किसके कहने पर
आदेश के बाद बाराबंकी सीओ सिटी हर्षित चौहान को हटा दिया गया, जबकि इंस्पेक्टर आरके राना, चौकी प्रभारी गदिया गजेन्द्र सिंह और दो सिपाहियों को लाइन हाजिर कर दिया गया। अयोध्या के मंडलायुक्त और आईजी प्रवीण कुमार ने बाराबंकी पहुंचकर जांच शुरू कर दी है। एबीवीपी ने सवाल उठाया कि लाठीचार्ज का आदेश किसके कहने पर दिया गया, जिसका जवाब अभी तक नहीं मिला है। इस घटना ने न केवल यूनिवर्सिटी प्रशासन पर सवाल उठाए हैं, बल्कि पुलिस की कार्यशैली पर भी बहस छेड़ दी है।





