सदर तहसील में 27 अगस्त को हुई मारपीट की घटना के खिलाफ दर्ज मुकदमे को वापस लेने की मांग को लेकर सोमवार, 1 सितंबर 2025 को वाराणसी के अधिवक्ताओं ने जोरदार प्रदर्शन किया। अधिवक्ताओं ने डीएम पोर्टिको में नारेबाजी की और पुलिस आयुक्त कार्यालय का घेराव किया। प्रदर्शन के बाद, उन्होंने अपनी मांगों को लेकर डीएम को संबोधित एक ज्ञापन एडीएम सिटी को सौंपा। इस घटना ने स्थानीय प्रशासन और वकील समुदाय के बीच तनाव को बढ़ा दिया है।
घटना के दिन, तहसील परिसर में लेखपाल और कुछ अधिवक्ताओं के बीच मारपीट हुई थी, जिसके बाद तीन अधिवक्ताओं ने शिवपुर थाने में लेखपाल सहित तीन कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। जवाब में, तहसीलकर्मियों ने भी उसी रात तीन अधिवक्ताओं के खिलाफ तहरीर दी, जिसके आधार पर शनिवार को पुलिस ने वकीलों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। इस कार्रवाई से नाराज अधिवक्ताओं ने सेंट्रल और बनारस बार एसोसिएशन के नेतृत्व में कार्य से विरत रहकर विरोध जताया।
पुलिस आयुक्त कार्यालय में नारेबाजी की
प्रदर्शन के दौरान, अधिवक्ताओं ने डीएम पोर्टिको और पुलिस आयुक्त कार्यालय में नारेबाजी की, जिसके बाद पुलिस ने भारी फोर्स की तैनाती कर स्थिति को नियंत्रित किया। सेंट्रल और बनारस बार एसोसिएशन के साथ-साथ पिंडरा और राजातालाब तहसील के अधिवक्ताओं ने भी इस विरोध में समर्थन जताया और कार्य से विरत रहे। पिंडरा तहसील में हुई बैठक में अधिवक्ताओं ने इस कार्रवाई को तानाशाही करार देते हुए लेखपालों को संरक्षण देने का आरोप लगाया और एसडीएम पिंडरा को ज्ञापन सौंपा।
आगे की कार्रवाई पर सभी की नजरें
राजातालाब तहसील बार के अध्यक्ष चंद्रशेखर उपाध्याय ने इस घटना को अत्यंत निंदनीय बताया। बैठक में कई वरिष्ठ अधिवक्ता शामिल रहे, जिन्होंने इस मामले में त्वरित और निष्पक्ष कार्रवाई की मांग की। इस प्रदर्शन ने वाराणसी में प्रशासन और वकील समुदाय के बीच चल रहे तनाव को उजागर किया है, और इस मुद्दे पर आगे की कार्रवाई पर सभी की नजरें टिकी हैं।





