उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव बिहार के आगामी विधानसभा चुनाव 2025 में विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. की ताकत को मजबूत करने के लिए मैदान में उतर रहे हैं। बिहार में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले I.N.D.I.A. गठबंधन सियासी समीकरणों को अपने पक्ष में करने की कोशिश में जुटा है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की जोड़ी वोटर अधिकार यात्रा के जरिए जनता के बीच अपनी पकड़ मजबूत कर रही है। अखिलेश यादव की इस अभियान में एंट्री से गठबंधन को और बल मिलने की उम्मीद है।
अखिलेश यादव, राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की तिकड़ी बिहार के सियासी मैदान में नीतीश कुमार सरकार के खिलाफ मजबूत चुनौती पेश करने की तैयारी में है। 2024 के लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव और राहुल गांधी की जोड़ी ने उत्तर प्रदेश में शानदार प्रदर्शन किया था। अखिलेश की ‘पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक’ (पीडीए) रणनीति ने यूपी में सपा की स्थिति को मजबूत किया। अब बिहार में तेजस्वी यादव के साथ मिलकर यह तिकड़ी विधानसभा चुनाव में गठबंधन की जीत के लिए रणनीति बना रही है।
वोटर अधिकार यात्रा में अखिलेश की भागीदारी
समाजवादी पार्टी, जो लोकसभा में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है, के अध्यक्ष अखिलेश यादव 28 अगस्त को राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की वोटर अधिकार यात्रा में शामिल होंगे। यह यात्रा 17 अगस्त को सासाराम से शुरू हुई थी और 1300 किलोमीटर का सफर तय करते हुए 1 सितंबर को पटना के गांधी मैदान में एक विशाल रैली के साथ समाप्त होगी। अखिलेश यादव इस मेगा रैली में भी हिस्सा लेंगे। उनकी मौजूदगी से गठबंधन की एकजुटता और वोट चोरी के खिलाफ अभियान को और ताकत मिलेगी।
वोट चोरी के खिलाफ अखिलेश का मोर्चा
अखिलेश यादव लंबे समय से उत्तर प्रदेश में चुनाव आयोग और भारतीय जनता पार्टी पर वोट चोरी का आरोप लगाते रहे हैं। अब वे बिहार में भी इस मुद्दे को उठाने की तैयारी में हैं। 16 दिनों की वोटर अधिकार यात्रा के दौरान I.N.D.I.A. गठबंधन न केवल अपनी एकता प्रदर्शित करेगा, बल्कि नीतीश कुमार सरकार के खिलाफ जनता को एकजुट करने का प्रयास भी करेगा। इस यात्रा के समापन पर पटना में होने वाली रैली बिहार के सियासी माहौल को और गर्माने की उम्मीद है।





