महाकुंभ और सनातन का दुष्प्रचार करने वालों पर सीएम योगी आदित्यनाथ का कड़ा प्रहार, बोले – एक दिन पूरी दुनिया ‘भगवा’ पहनेगी…

योगी बोले औरंगजेब जैसे क्रूर व्यक्ति को जो आदर्श मानेगा और वो अपने पूरे विवेक से बोल रहा है तो उसे अपने बेटे के नाम औरंगजेब रखना चाहिए और औरंगजेब द्वारा अपने पिता शाहजहाँ के साथ जो व्यवहार किया और उसके  लिए भुगत भोगी होने के लिए तैयार रहना चाहिए

Atul Saxena
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Mahakumbh 2025: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर महाकुंभ और सनातन का दुष्प्रचार करने वाले विपक्षी नेताओं पर हमला बोला, योगी ने कहा जो दुष्प्रचार में विश्वास करते हैं, याद रखिये उन्हें हमेशा विपक्ष में ही रहना है, उनमें नकारात्मक ही इसलिए भरी है, ये लोग क्या बोलेंगे शुद्धता के बारे में जो स्वयं नख से सिर तक अशुद्ध हों नकारात्मक हों, वे शुद्धता की दुहाई दे रहे हैं माँ गंगा तो पवित्र हैं और पवित्र रहेगी।

पांचजन्य और ऑर्गेनाइजर समूह द्वारा लखनऊ में एक कार्यक्रम आयोजित किया जिसका  नाम था  ” मंथन: महाकुंभ एंड बियोंड”, कार्यक्रम में योगी आदित्यनाथ विशेष रूप से आमंत्रित थे , मंच पर मौजूद दो एंकर्स ने योगी से महाकुंभ के आयोजन, इसकी भव्यता और प्रभाव के साथ साथ सनातन की ताकत से मिले अनुभव और अनुभूति पर सवाल किये जिसपर योगी ने बारी बारी से जवाब दिए।

योगी ने कहा महाकुंभ -2025, प्रयागराज का आयोजन दुनिया को भारत की सामर्थ्य और सनातन धर्म के वास्तविक स्वरूप को प्रस्तुत करने व देश में उत्तर प्रदेश के बारे में जो धारणा थी, उसे बदलने का हम एक माध्यम मानते हैं और इसमें हम सफल रहे हैं।

महाकुंभ पर प्रश्न करने वाले लोग 2013 के आयोजन को पहले याद कर लें   

जो लोग हमारे स्वच्छ महाकुम्भ पर प्रश्न उठा रहे थे, प्रश्न यह उठता है कि वर्ष 2013 में मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रयागराज पधारे थे, कुम्भ के आयोजन के साथ संगम में गए, वहां गंदगी, अव्यवस्था, कीचड़ देख कर उनकी हिम्मत नहीं हुई कि वे स्नान कर सकें.. दूर से प्रणाम कर निकल गए ये कह्का र्निकल गए की की यही गंगा है उनकी आत्मा , आस्था आहत हुई।

हमने कुंभ की धारणा को बदल दिया 

योगी ने कहा जो लोग नकारात्मक टिप्पणी कर रहे थे जब अवसर मिला तो इन लोगों ने महाकुंभ को अव्यवस्था, अराजकता, गन्दगी कहा, उस समय जब विदेशी और वामपंथी आते थे तो सनातन को बदनाम करने के लिए महाकुंभ को बदनाम करने के लिए यही देखते थे तो यही इसका मतलब होता था 2019 में जब हम कुंभ से जुड़े तब मोदी जी ने कहा था कि आपको इस धारणा को बदलना होगा और हमने बदल दिया।

जो दुष्प्रचार कर रहे थे संगम ने डुबकी लगाने वालों ने जवाब दे दिया 

योगी ने कहा कि जो लोग दुष्प्रचार में विश्वास करते हैं जिनको भगवान ने बनाया ही इसलिए है कि उन्हें हमेशा विपक्ष में ही रहना है इसलिए उनमें इतनी नकारात्मकता भर दी है उनकी पहचान ही ये है  इसलिए वे पहले ही दिन से ही बयान देने लगे लेकिन सनातन धर्मावलम्बियों ने महाकुंभ में पहुंचकर उन्हें करार जवाब दे दिया।

जो नख से सिर तक अशुद्ध हों, नकारात्मक हों, वे शुद्धता की दुहाई दे रहे हैं?

लोकतंत्र हमरे कण कण में है इसलिए भारत ने जनता को जनार्दन कहा है क्योंकि जनता सब जानती है अब ये ख़ारिज हो चुके हैं एक्सपोज हो चुके हैं हमने कहा था महाकुंभ का दुष्प्रचार मत करो, उंगली मत उठाओ, लेकिन वे नहीं माने वहां पहुंची भीड़ इस बात की साक्षी है कि है गंगा का जल त्रिवेणी का जल पवित्र है हमरे यहाँ तो मान्य है कि बहत अपनी और रमता जोड़ी पवित्र ही होता है, योगी ने कहा ये लोग क्या बोलेंगे शुद्धता के बारे में, जो नख से सिर तक अशुद्ध हों नकारात्मक हों, वे शुद्धता की दुहाई दे रहे हैं, माँ गंगा तो पवित्र हैं और पवित्र रहेगी।

मानसिक रूप से विकृत व्यक्ति है औरंगजेब को अपना आदर्श बना सकता है

मुख्यमंत्री ने कहा कि आस्था के साथ जिन्होंने भी खिलवाड़ किया उसे डूबना ही पड़ा उसके लिए इस धरती पर कोई जगह नहीं बची दुर्गति हुई है, उन्होंने कहा जो लोग भारत की सनातन संकृति पर विश्वास न कर षड्यंत्र करने वालों का महिमा मंडान कर रहे है उन्हें उसकी दुर्गति भी याद करनी चाहिए मानसिक रूप से विकृत व्यक्ति है औरंगजेब को अपना आदर्श बना सकता है।

मैंने भगवा धारण किया है मुझे गर्व की अनुभूति होती है

काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, अयोध्या में राम मंदिर, महाकुंभ के सफल आयोजन के बाद अगली योजना के बारे में पूछने पर योगी ने कहा इस बार बजट में हमने मथुरा वृन्दावन के लिए पैसा दे दिया है ये कार्य होंगे, उन्होंने कहा जब अवसर मिले तो चूकना नहीं चाहिए, कोरोना में हमने जनता जनार्दन की सेवा की ये हमारा काम था, जब दुनिया पस्त हो रही थी तब हम मजबूती के साथ खड़े थे हमने कहा पहले कोरोना हमसे लडेगा फिर आपसे , उन्होंने कहा दुनिया मेरे बारे में कुछ भी सोचे मैंने भगवा धारण किया है मुझे गर्व की अनुभूति होती है और एक दिन पूरी दुनिया भगवा पहनेगी।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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