मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को विमुक्त जाति दिवस समारोह में घुमंतू और विमुक्त जातियों के कल्याण के लिए एक विशेष बोर्ड गठन की घोषणा की। उन्होंने नट, बंजारा, बावरिया, सासी, कंजड़, कालबेलिया, सपेरा और जोगी जैसी जातियों के लिए कॉलोनियां बसाने और मकान उपलब्ध कराने की योजना का भी ऐलान किया। योगी ने इन जातियों को देश की वीर योद्धा जातियां बताते हुए कहा कि इन्होंने मुगलों और अंग्रेजों के खिलाफ अदम्य साहस दिखाया। उन्होंने विमुक्त जाति दिवस पर सभी को शुभकामनाएं दीं।
सीएम योगी ने बताया कि अंग्रेजों ने 1871 में क्रिमिनल ट्राइब्स एक्ट के तहत इन जातियों को जन्म से अपराधी घोषित किया था, जिसका कलंक 1952 तक रहा। बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के प्रयासों से 31 अगस्त 1952 को इन समुदायों को इससे मुक्ति मिली। उन्होंने कहा कि पिछले 11 वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र और राज्य सरकार ने इन जातियों के लिए शिक्षा, आवास और अन्य योजनाओं को लागू किया है। वनटांगिया, मुसहर, कोल, थारू, गौड़, चेरो और सहरिया जैसी जातियों को भी लाभ पहुंचाया गया है।
घुमंतू जातियों के लिए बोर्ड गठन का निर्देश
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में 9 जनपदों में जय प्रकाश नारायण सर्वोदय विद्यालय, दो आवासीय आश्रम पद्धति विद्यालय और 101 आवासीय विद्यालय संचालित हो रहे हैं, जहां विमुक्त जातियों के बच्चों को रहने, खाने और यूनिफॉर्म की सुविधा दी जा रही है। इसके अलावा, 264 राजकीय अनुसूचित जाति छात्रावासों में भी विशेष व्यवस्था की गई है। उन्होंने समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण को मंच से ही घुमंतू जातियों के लिए बोर्ड गठन का निर्देश दिया।
राजस्व गांव का दर्जा, मताधिकार
योगी ने वनटांगिया समाज का उदाहरण देते हुए कहा कि उनकी सरकार ने उन्हें राजस्व गांव का दर्जा, मताधिकार और स्कूल-अस्पताल जैसी सुविधाएं दीं। उन्होंने कुम्हार, निषाद और राजभर समाज के लिए भी योजनाओं का जिक्र किया। सीएम ने कहा कि घुमंतू जातियों को जमीन के पट्टे और मतदान की सुविधा दी जाएगी, और पुलिस भर्ती में इन जातियों के युवाओं का चयन इसका प्रमाण है। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री संजय निषाद, असीम अरुण सहित कई गणमान्य उपस्थित थे।





