बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने मुरादाबाद के गौतम बुद्ध पार्क में नगर निगम द्वारा बनाए जा रहे सीनियर केयर सेंटर के निर्माण पर तीखा विरोध जताया है। उन्होंने इस परियोजना पर तत्काल रोक लगाने की मांग की है, ताकि सामाजिक शांति और भाईचारा बना रहे। मायावती ने कहा कि यह पार्क मुरादाबाद का प्रसिद्ध स्थल है और बौद्ध धर्म, बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर, मान्यवर कांशीराम और बहुजन समाज के अनुयायियों की आस्था का केंद्र है। इस निर्माण से स्थानीय लोगों में रोष व्याप्त है।
मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने बयान में कहा कि गौतम बुद्ध पार्क में सीनियर केयर सेंटर का निर्माण सामाजिक अशांति का कारण बन रहा है। उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार से इस परियोजना को तुरंत रोकने का आह्वान किया, ताकि आपसी भाईचारा और सामाजिक व्यवस्था बिगड़ने से बच सके। मायावती ने इस बात पर जोर दिया कि यह पार्क बहुजन समाज के लिए आस्था का प्रतीक है और इसका सम्मान किया जाना चाहिए।
मेडिकल कॉलेजों में आरक्षण पर भी उठाए सवाल
मायावती ने मुरादाबाद के मुद्दे के साथ-साथ अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए मेडिकल कॉलेजों में आरक्षण के मुद्दे पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के विशेष घटक योजना के तहत उत्तर प्रदेश में स्थापित चार मेडिकल कॉलेजों में इन वर्गों के लिए 70 प्रतिशत सीटें आरक्षित थीं। हालांकि, हाल के हाईकोर्ट के फैसले के बाद इन कॉलेजों में एससी के लिए 21 प्रतिशत और एसटी के लिए 2 प्रतिशत आरक्षण लागू किया गया है। मायावती ने इसे कमजोर वर्गों के हितों के खिलाफ बताया।
कमजोर वर्गों के हितों की रक्षा की मांग
मायावती ने उत्तर प्रदेश सरकार से आग्रह किया कि वह हाईकोर्ट के समक्ष वास्तविक तथ्य प्रस्तुत कर इस आदेश को निरस्त करवाए, ताकि कमजोर वर्गों के हित सुरक्षित रहें। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट के फैसले से नीट अभ्यर्थियों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है, खासकर उन छात्रों में जो पहले से दाखिला ले चुके हैं। मायावती का यह बयान सामाजिक और शैक्षणिक मुद्दों पर उनकी सक्रियता को दर्शाता है, जो बसपा के समर्थकों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है।





