समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लखनऊ में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उत्तर प्रदेश की बीजेपी सरकार और वरिष्ठ नौकरशाहों पर ‘टोंटी चोरी’ कांड को लेकर तीखा हमला बोला। उन्होंने इस मामले को बीजेपी की साजिश करार देते हुए तत्कालीन मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी और उनके ओएसडी अभिषेक कौशिक पर उनकी छवि खराब करने का आरोप लगाया। अखिलेश ने कहा कि यह मामला उनके लिए व्यक्तिगत अपमान का प्रतीक है और वह इसे कभी नहीं भूल सकते। उन्होंने बीजेपी को चेतावनी दी कि वह जन्माष्टमी से सरकार के जाने की उलटी गिनती शुरू कर चुके हैं, जिसमें अब केवल 493 दिन बचे हैं।
यह विवाद 2017 में तब शुरू हुआ, जब अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में हार के बाद मुख्यमंत्री आवास खाली किया। उस समय बीजेपी ने आरोप लगाया कि अखिलेश के सरकारी आवास से टोंटियां, बिजली के फिक्सचर और अन्य सामान गायब थे। इस मुद्दे को बीजेपी ने सपा सरकार के कथित भ्रष्टाचार के प्रतीक के रूप में खूब उछाला। अखिलेश ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसे बीजेपी और तत्कालीन नौकरशाहों की साजिश बताया। उन्होंने दावा किया कि यह उनकी और सपा की छवि को धूमिल करने की सुनियोजित कोशिश थी, जिसमें अवनीश अवस्थी और अभिषेक कौशिक ने अहम भूमिका निभाई।
अखिलेश का बीजेपी और नौकरशाहों पर हमला
प्रेस कॉन्फ्रेंस में अखिलेश ने बीजेपी सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि ‘टोंटी चोरी’ कांड उनके लिए केवल एक प्रशासनिक विवाद नहीं, बल्कि व्यक्तिगत सम्मान पर हमला है। उन्होंने अवनीश अवस्थी और अभिषेक कौशिक पर इस मामले को गलत तरीके से प्रचारित करने का आरोप लगाया। अखिलेश ने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि सरकार, अधिकारी और चुनाव आयोग की ‘चुनावी तिकड़ी’ मिलकर उनके खिलाफ साजिश रच रही है। उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी ने इस मुद्दे को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया ताकि सपा की उपलब्धियों को कमतर दिखाया जा सके।
राजनीतिक रणनीति या व्यक्तिगत आक्रोश?
अखिलेश का इस मुद्दे को बार-बार उठाना न केवल उनके व्यक्तिगत आक्रोश को दर्शाता है, बल्कि यह 2027 के विधानसभा चुनाव के लिए उनकी राजनीतिक रणनीति का भी हिस्सा माना जा रहा है। इस कांड को उठाकर वह बीजेपी की कथित साजिशों को जनता के सामने लाना चाहते हैं और अपने समर्थकों को एकजुट करना चाहते हैं। यह मामला सपा के लिए बीजेपी के शासन को ‘साजिशकारी’ और ‘अपमानजनक’ ठहराने का एक हथियार बन गया है। जैसे-जैसे 2027 का चुनाव नजदीक आ रहा है, ‘टोंटी चोरी’ कांड उत्तर प्रदेश की सियासत में फिर से चर्चा का केंद्र बन गया है, और यह देखना बाकी है कि यह सियासी जंग को और कितना तीखा करेगा।





