150 साल पुराना अलादीन का चिराग, आग जलाने का तरीका देख रह जाएंगे हैरान

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। आज अगर हम अपना मोबाइल कहीं भूल जाएं तो कुछ ही देर में बेचैन हो उठते हैं। या फिर बिजली जली जाए तो कुछ ही देर में सारे काम ठप पड़ जाते हैं। लेकिन आज से कुछ 20 साल पहले जब मोबाइल यूं हर हाथ में नहीं आए थे, या कुछ और दशक पहले बिजली इतनी आसानी से उपलब्ध नहीं थी तो जीवन कैसे चलता था। दरअसल..जीवन तब भी चल रहा था, संसार में कोई काम नहींं रूका था। बस उस समय की तकनीक अलग थी। अब क्योंकि हम आज इस आधुनिक जीवन, संसाधनों और तकनीक की आदी हो गए हैं तो हमें ये कल्पना मुश्किल लगती है कि इनके बिना हम कैसे जी पाते। लेकिन जीवन कभी नहीं ठहरता है।

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आज हम आपको इसी बात से संबंधित एक वीडियो दिखाने जा रहे हैं। ये एक चिराग है। हम सबने अलादीन के चिराग की कहानी तो सुनी ही है। उसमें से एक जिन्न निकलता है और सारी इच्छाएं पूरी करता है। लेकिन हर कथा कहन का एक सांकेतिक अर्थ भी होता है। अगर हम चिराग का उदाहरण ले रहे हैं तो उसका मुख्य काम रोशनी करना है। इस वीडियो में जो चिराग दिख रहा है, उसमें 150 साल पुरानी तकनीक का उपयोग करके आग जलाई गई है। जमाने पहले जब हमारे पूर्वजों ने पत्थर रगड़कर आग का अविष्कार किया था..वो पल मानव सभ्यता का एक ऐतिहासिक पल है। आग हमेशा से मनुष्य की साथी रही है। भोजन पकाने से लेकर रोशनी फैलाने तक में इसका हाथ और साथ है।

वीडियो में दिख रहा चिराग बहुत पुराना है और हम देखते हैं कि ये लोहे का नजर आ रहा है। इसके बीच में एक लोहे की पट्टी कुछ खास तरह से फंसाई जाती है। चिराग में कोई तेल, घी या ऐसी चीज़ नहीं डाली गई है जिससे आग जलती रहे। वहीं किसी दिलासलाई का उपयोग भी नहीं किया गया है। हम अचरज में पड़ जाते हैं ये देखकर कि चिराग या दीये को अच्छे से बंद करने के बाद उसके पीछे की तरफ के दो हैंडल को ट्विस्ट करने पर आग जल उठती है। ये कुछ आज के लाइटर की तरह है। लेकिन इसमें कोई तेल या गैस वगैरह नहीं है। प्रतीत होता है कि ये घर्षण की पद्धति पर ही काम करता है। हालांकि इसे लेकर कोई दावा नहीं किया जा सकता..लेकिन जिस तरह इसे जलाया जा रहा है ये वाकई अलादीन का चिराग ही नजर आता है।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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