क्या आपने देखा है ‘गायब होने वाला गैरेज’, देखिए 73 साल पहले खोजा गया कमाल का आइडिया, 1950 का रेयर वीडियो

Disappearing garage

Viral Video : पार्किंग समस्या..आज के समय की बड़ी समस्याओं में शुमार हो चुकी है। खासकर शहरी इलाकों में ये मामला एक सिरदर्द बन चुका है। गाड़ी निकालने के बाद सबसे बड़ा सवाल ये ही उठता है कि जाने पार्किंग मिलेगी या नहीं। शहरीकृत क्षेत्रों में बढ़ती जनसंख्या और उसके साथ बढ़ते वाहनों की संख्या ने इसे एक गंभीर समस्या बना दिया है।

पार्किंग के लिए कमाल का आइडिया

अब ये नई बात नहीं रह गई कि एक घर में दो या तीन वाहन भी रहने लगे हैं। घर तो लोगों की संख्या के हिसाब से बड़ा छोटा बनाया जा सकता है लेकिन पार्किंग स्पेस अब भी ज्यादातर स्थानों पर सीमित ही है। ऐसे में ये आज के समय की एक बड़ी चुनौती बन गया है। इसीलिए मल्टीलेवल पार्किंग सहित कई और उपाय भी निकाले जा रहे हैं। खासकर भीड़भाड़ वाले इलाकों में गाड़ी खड़ी करना किसी चैलेंज से कम नहीं। वहीं जैसे जैसे शहरों में फ्लैट कल्चर बढ़ रहा है, वहां भी एक मुश्किल हालात पैदा होते जा रहे हैं। लेकिन तेज दिमाग और तकनीक के पास हर समस्या का हल होता है।

73 साल पहले की बेहतरीन इंजीनियरिंग

आज हम आपके लिए एक वीडियो लेकर आए हैं..जिसमें ‘गायब होने वाला गैरेज’ है। जब आपको घर के बाहर कार की जरुरत नहीं हो तो तो कुछ ही मिनटों में आप इसे एक गायब कर सकते हैं। ये वीडियो 73 साल पुराना यानी 1950 का है। इसमें हम देख सकते हैं कि एक महिला अपनी कार से आती है और उसे घर के बाहर एक जगह पार्क कर देती हैं। इसके बाद वो भीतर जाती हैं और एक हॉर्सपावर की इलेक्ट्रिक मोटर ऑन करती है और स्विच गियर उठाती है। बस इतना करते ही बाहर जिस स्थान पर कार पार्क हुई है वो बेस नीचे की ओर जाने लगता है। ठीक उस स्थान के नीचे इस कार के लिए प्रॉपर गैरेज बना हुआ है और कुछ ही मिनटों में कार नीचे पार्क हो जाती है। इसी के घर के बाहर ऊपर फिर समतल जगह बन जाती है। ये एक साधारण लेकिन कमाल का आइडिया है और इस सिंपल सी इंजीनियरिंग से प्रेरणा लेकर काफी हद तक इस समस्या का हल निकाला जा सकता है। ये वीडियो एक्स पर Historic Vids नाम के अकाउंट से ट्वीट किया गया है और अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

 


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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