क्या आप इस पुरानी तस्वीर में छिपे दो बच्चों को ढूंढ सकते हैं? आजमाएं अपनी नजर

Optical Illusion: क्या आपकी नजरें इतनी तेज हैं कि आप इस पुरानी तस्वीर में छिपे दो बच्चों को ढूंढ सकें? यह तस्वीर एक शानदार ऑप्टिकल इल्यूजन का उदाहरण है, जहां कलाकार ने बेहद बारीकी से दो बच्चों को छिपाया है।

भावना चौबे
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Optical Illusion

Optical Illusion: यह एक कल और सफेद रंग की तस्वीर जिसमें कुछ बच्चे, एक बच्चे कैरेज, कुत्ता और छाता दिखाई दे रहा है। इस तस्वीर को बनाने वाले कलाकार अक्सर अपनी कला में कुछ खास तरीके से चीजों को छुपा देते हैं। ताकि, देखने वाला ध्यान से देखे और कुछ और नजर आए।

आपको बता दें, इस तरीके को पारेडोलिया कहा जाता है। जिसमें हमारा दिमाग बिना किसी वजह के पैटर्न को पहचानने की कोशिश करता है और उन्हें किसी फेमीलियर चीज जैसे इंसान के चेहरे के रूप में देखता है।

कपड़ों की सिलवटों में देखें

अगर आप ध्यान से देखेंगे तो बच्चे कैरेज के ऊपर रखे कपड़े की सिलवटों में एक और बच्चे का चेहरा नजर आएगा। कपड़े पर हल्की और गहरी शैडो इस तरह बनी है, कि वह बच्चों के चेहरे की तरह ही दिखाई दे रही है। इसमें बच्चे का माथा, नाक और होंठ साफ-साफ दिख रहे हैं। कपड़े की सिलवटों इस तरह पड़ी है जैसे वह खुद वह खुद ऐसा रूप ले रहा हो।

रोती हुई महिला के पीछे देखें

रोती हुई महिला के पीछे ध्यान से देखें। दीवार के ऊपर जो डिजाइन है वह सिर्फ सजावट नहीं है बल्कि उसमें एक बच्चे का चेहरा छुपा हुआ है। चेहरे की आंखें नाक और मुंह दीवार की बनावट में इस तरह घुल मिल गए हैं कि वह आसानी से नजर नहीं आते हैं।

ऑप्टिकल इल्यूजन (Optical Illusion)

जटिल ऑप्टिकल इल्यूजन हल करना हमारे दिमाग को तेज और समझदार बनाता है। यह एकाग्रता, सोचने की क्षमता और पैटर्न को पहचानने में मदद करता है। जब हम ऐसे चित्रों को ध्यान से देखते हैं तो हमारा दिमाग अलग-अलग तरीके से सोचता है और समस्याओं को सुलझाना सीखता है।

मुश्किल इल्यूजन को हल करने के लिए ध्यान और फोकस की जरूरत होती है। जब हम कुछ छुपा हुआ ढूंढने की कोशिश करते हैं, तो हमारा दिमाग लंबे समय तक एक ही चीज पर ध्यान देना सिखता है। इससे हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में भी काम करने की क्षमता बेहतर होती है।

 


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भावना चौबे

भावना चौबे

इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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