पुणे में एक महिला ने ऐसा दावा किया है, जिसने सबका ध्यान खींच लिया है। उनका कहना है कि वो अपनी आंखों को मूत्र से धोती हैं और इससे उनकी आंखों की तकलीफ में आराम मिलता है। ये बात सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल गई और लोग तरह-तरह की बातें करने लगे। कोई इसे अंधविश्वास बता रहा है, तो कोई इसके पीछे की वजह जानना चाहता है। इस दावे ने न सिर्फ पुणे बल्कि पूरे देश में चर्चा छेड़ दी है।
महिला का कहना है कि ये तरीका उन्होंने कुछ पारंपरिक मान्यताओं से सीखा। उनका दावा है कि ये नुस्खा उनकी आंखों की जलन और थकान को कम करता है। हालांकि, मेडिकल साइंस इस दावे को पूरी तरह खारिज करता है। डॉक्टरों का कहना है कि मूत्र में मौजूद तत्व आंखों के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं और इससे इंफेक्शन का खतरा बढ़ सकता है। फिर भी, इस तरह के दावे लोगों का ध्यान खींच रहे हैं, क्योंकि ये पुरानी मान्यताओं और आधुनिक विज्ञान के बीच टकराव को दिखाते हैं।

क्या वाकई आंखों में मूत्र डालना फायदेमंद है? जानिए डॉक्टरों की राय
डॉक्टरों के मुताबिक, आंखें शरीर का सबसे नाजुक हिस्सा होती हैं। इन्हें किसी भी अनजान चीज से धोना खतरनाक हो सकता है। मूत्र में बैक्टीरिया और अन्य तत्व हो सकते हैं, जो आंखों में जलन या गंभीर इंफेक्शन पैदा कर सकते हैं। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि आंखों की देखभाल के लिए सिर्फ साफ पानी या डॉक्टर की सलाह से प्रिस्क्राइब्ड ड्रॉप्स का इस्तेमाल करना चाहिए। इस तरह के घरेलू नुस्खों पर भरोसा करने से पहले मेडिकल एडवाइस लेना जरूरी है। ये दावा भले ही चर्चा में हो, लेकिन इसके रिस्क को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
Please don’t put your urine inside your eyes. Urine is not sterile.
Boomer aunties trying to be cool on Instagram is depressing…and terrifying.
Source: https://t.co/SQ5cmpSOfY pic.twitter.com/qgryL9YHfI
— TheLiverDoc (@theliverdr) June 25, 2025
पुराने घरेलू नुस्खों पर क्यों बढ़ता है लोगों का भरोसा, और इसका असर
भारत में कई पुरानी मान्यताएं और घरेलू नुस्खे आज भी लोगों के बीच लोकप्रिय हैं। कुछ लोग इन पर यकीन करते हैं और इन्हें अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में अपनाते हैं। इस मामले में भी महिला का कहना है कि उन्होंने ये तरीका पुरानी परंपराओं से लिया। लेकिन आज के दौर में, जब साइंस इतनी तरक्की कर चुका है, ऐसे दावों को परखना जरूरी हो जाता है। खासकर तब, जब बात स्वास्थ्य से जुड़ी हो। लोग अब इस बात पर बहस कर रहे हैं कि क्या पुराने नुस्खों को बिना सोचे-समझे अपनाना सही है या नहीं।
सोशल मीडिया पर कैसे बंट गई जनता की राय इस अजीब स्वास्थ्य दावे पर
इस खबर के वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर तरह-तरह की बातें हो रही हैं। कुछ लोग इसे मजाक के तौर पर ले रहे हैं, तो कुछ इसे गंभीरता से समझने की कोशिश कर रहे हैं। कई यूजर्स ने इस दावे को अंधविश्वास बताया, जबकि कुछ का मानना है कि हर नुस्खे के पीछे कोई न कोई वजह हो सकती है। ये मामला एक बार फिर ये सवाल उठाता है कि क्या हमें हर पुरानी बात पर यकीन करना चाहिए या साइंस के साथ चलना चाहिए। इस चर्चा ने लोगों को अपने स्वास्थ्य के प्रति और जागरूक होने का मौका दिया है।