भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। शास्त्रों के अनुसार अभिमन्यु ने मां के गर्भ में ही चक्रव्यूह भेदने की कला सीख ली थी। कहा भी जाता है कि गर्भवती स्त्री की भावनाओं, विचारों और कार्यकलापों का प्रभाव गर्भस्थ शिशु पर पड़ता है। यही वजह है कि हमारे यहां हमेशा से गर्भवती स्त्री को अच्छी किताबें पढ़ने और अच्छी संगत में रहने को कहा जाता है। साथ ही ये भी कि अपने गर्भस्थ शिशु से संवाद किया जाए, उसे अच्छी अच्छी बातें बताई जाए। लेकिन क्या वास्तव में बच्चा मां के गर्भ की भीतर उसकी आवाज सुन सकता है। हाल ही में एक वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें एक नन्हा सा बच्चा मां के साथ संस्कृत का श्लोक दोहरा रहा है। इसे देखकर हमें उपरोक्त बातों पर यकीन करने का मन करने लगता है।
इस वीडियो में हम देख रहे हैं कि एक बहुत ही छोटा बच्चा बिस्तर पर लेटा हुआ है और उसकी मां दामोदर अष्टकम बोल रही है। बच्चा उसे सुनकर मुस्कुरा रहा है..हम आश्चर्यचकित हो जाते हैं ये देखकर कि बच्चा हर पंक्ति का अंतिम शब्द उच्चारित करता है। ये उस आयु का बच्चा है जब वो मुश्किल से मां या पापा बोल पाते हैं। लेकिन वो पूरी तरह उस श्लोक को समझ रहा है और हर पंक्ति का अंतिम शब्द बोल भी रहा है। बच्चे को देखकर लगता है जैसे वे इससे अच्छी तरह वाकिफ है। ये संस्कृत की बहुत कठिन कृष्ण वंदना है जिसे याद करने में बड़े बड़ों के पसीने छूट जाए, लेकिन ये बच्चा इसे बड़ी ही सहजता से सुना रहा है। इस वीडियो को देखकर लगता है कि मां ने शुरू से ही बच्चे को ये सुनाया होगा और उसके अंतर्मन में ये बस गया है। आप भी इस प्यारे से बच्चे को देखिये जो स्वयं लड्डू गोपाल का रूप है और बहुत ही मधुरता से दामोदर अष्टकम सुना रहा है।
किसी को यदि अभिमन्यु द्वारा अपनी मां के गर्भ में सीखी हुई चक्रव्यूह भेदन की विघा पर विश्वास न हो तो ये कलयुग में विडियो अवश्य देंखे। पुंसवन संस्कार का महत्व क्या है। pic.twitter.com/hNCHF8Cq0H
— Rajesh Hingankar IPS (@RajeshHinganka2) July 21, 2022