Video : अनोखी कलाकारी, प्लेट पर कप रखते ही दौड़ने लगा घोड़ा

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। इस दुनिया को देखने का सबका अपना नजरिया होता है। एक वैज्ञानिक की दृष्टि अलग होती है, कलाकार की अलग। बारिश को बच्चा जैसे देखता है, बुजुर्ग के लिए वो उससे अलग होती है। यही वजह है कि हर चीज के हजार पहलू हो सकते हैं। किसी को जो गिलास आधा खाली लगत है, दूसरे को आधा भरा दिख सकता है। किसी को जो महज कुछ लकीरें नजर आती है, दूसरे शख्स के लिए वो बेमिसाल पेंटिंग हो सकती है।

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यही दृष्टि है जो एक कलाकार को सामान्य व्यक्ति से अलग करती है। यही दृष्टि है जिसने हमें एक से एक नायाब चित्र, मूर्तियां, कविताएं और संगीत दिया है। कलाकारों को कुदरत ने अलग नेमत से नवाज़ा है। वो साधारण दिखने वाली चीज़ों में जादू भर देते हैं। उनकी उकेरी हुई, लिखी हुई हर बात में कुछ न कुछ तिलिस्म होता है। दुनिया में अगर कला नहीं होती तो हम इन विस्मित कर देने वाली कृतियों से अनजान ही रह जाते। और जो रंग हमारे जीवन में भरे हैं, वो पन्ने कोरे रह जाते।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।