अविजेय शिखर:
कैलाश पर्वत पर आज तक कोई भी पर्वतारोही चढ़ नहीं पाया। इसके विपरीत, माउंट एवरेस्ट पर हजारों लोग चढ़ चुके हैं। यहाँ चढ़ाई करने वालों का दावा है कि अलौकिक शक्तियाँ उन्हें आगे बढ़ने से रोकती हैं, जिससे रास्ता गायब हो जाता है या बर्फीले तूफान आ जाते हैं।
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समय का रहस्य:
कैलाश पर्वत के आसपास समय तेजी से बीतता है। पर्वतारोहियों का दावा है कि उनके बाल और नाखून यहाँ असामान्य रूप से तेजी से बढ़ते हैं, जो बाकी दुनिया के मुकाबले बहुत तेज होता है।
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धरती का केंद्रीय बिंदु:
वैज्ञानिक मानते हैं कि कैलाश पर्वत पृथ्वी का केंद्रीय बिंदु (Axis Mundi) है। इसका उल्लेख वेदों और रामायण में भी किया गया है, जिससे यह और अधिक रहस्यमय बनता है।
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प्राचीन पिरामिड सिद्धांत:
रूसी वैज्ञानिकों का मानना है कि कैलाश पर्वत प्राकृतिक नहीं है, बल्कि प्राचीन सभ्यता द्वारा बनाया गया एक विशाल पिरामिड है। इसके चार कोने चारों दिशाओं को दर्शाते हैं, जो इसे अद्वितीय बनाते हैं।
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प्राचीन पिरामिड सिद्धांत:
रूसी वैज्ञानिकों का मानना है कि कैलाश पर्वत प्राकृतिक नहीं है, बल्कि प्राचीन सभ्यता द्वारा बनाया गया एक विशाल पिरामिड है। इसके चार कोने चारों दिशाओं को दर्शाते हैं, जो इसे अद्वितीय बनाते हैं।
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गुप्त नगरी शांभला:
ऐसा माना जाता है कि कैलाश पर्वत पर एक गुप्त नगरी 'शांभला' है, जिसे केवल वही देख सकते हैं जिनके मन में कोई पाप नहीं है। इस नगरी का वर्णन हिंदू और बौद्ध धर्मग्रंथों में भी मिलता है।
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चमत्कारिक रूप से बदलता स्थान:
कैलाश पर्वत पर चढ़ने की कोशिश करने वाले लोगों का कहना है कि पर्वत का स्थान रहस्यमय रूप से बदल जाता है। खराब मौसम और अजीब घटनाओं के कारण वे बार-बार उसी जगह लौट आते हैं, जहाँ से वे चले थे।
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स्वर्ग का द्वार:
मान्यता है कि कैलाश पर्वत का आकार और चारों दिशाओं में फैले उसके कोने स्वर्ग का मार्ग दर्शाते हैं। कहा जाता है कि पांडवों ने इसी पर्वत पर चढ़ाई करके मोक्ष प्राप्त किया था।
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