दब्बूपन के कारण टीचर बार-बार करती है बच्चे की कम्प्लेन? पेरेंट्स जरूर करें 5 काम, बढ़ेगा आत्मविश्वास
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बच्चे के विचारों और भावनाओं को गंभीरता से सुनें। उसे यह महसूस कराएं कि उसकी बात आपके लिए महत्वपूर्ण है। इससे वह खुद को अधिक खुलकर व्यक्त कर पाएगा और उसकी झिझक कम होगी।
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बच्चे की हर छोटी उपलब्धि की तारीफ करें। चाहे वह स्कूल में कुछ नया सीखने से जुड़ी हो या खेल में अच्छा प्रदर्शन करने से। आपकी प्रशंसा बच्चे के आत्मविश्वास को मजबूत बनाएगी।
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बच्चे को अपनी उम्र के अनुसार छोटे-छोटे फैसले लेने दें, जैसे कि कपड़े चुनना, खाना तय करना या खेल पसंद करना। यह आत्मनिर्भरता विकसित करने के साथ उसकी झिझक कम करेगा।
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कभी भी बच्चे की तुलना अन्य बच्चों से न करें। यह उसकी आत्मसम्मान को ठेस पहुंचा सकता है और उसे और अधिक दब्बू बना सकता है। हर बच्चे की अलग खूबियां होती हैं, इसलिए उनकी सकारात्मक बातों पर ध्यान दें।
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बच्चे को नए लोगों से मिलने-जुलने और बातचीत करने का अभ्यास कराएं। उसे छोटे काम, जैसे दुकान से सामान लाने या मेहमानों से बात करने की जिम्मेदारी दें। इससे उसका आत्मविश्वास धीरे-धीरे बढ़ेगा।
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बच्चे को टीम वर्क वाले खेलों और समूह गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करें। इससे वह दूसरों के साथ सहयोग करना सीखेगा और उसकी झिझक कम होगी।
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बच्चे की गलतियों पर अधिक नाराज न हों। उसे समझाएं कि गलतियां जीवन का हिस्सा हैं और उनसे सीखना ही असली सफलता है। यह पहुँच उसे आत्मविश्वासी बनाएगा।
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बच्चे को ऐसी किताबें और कहानियां पढ़ने को दें जो आत्मविश्वास और साहस को बढ़ावा दें। प्रेरणादायक कहानियां उसे सकारात्मक विज़न अपनाने में मदद करेंगी।
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