एटा यूपी नाग की मौत का बदला लेने आई नागिन क्या वाकई मुमकिन है साइंस क्या कहती है
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उत्तर प्रदेश के एटा जिले से एक हैरान करने वाली खबर सामने आई, जहां एक नागिन 15 दिन बाद अपने नाग साथी की मौत का 'बदला' लेने घर तक पहुंच गई। ग्रामीणों का दावा है कि नागिन घंटों फुंफकारती रही, जिससे गांव में दहशत फैल गई।
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भारत के कई राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, बिहार और राजस्थान में यह आस्था सालों से चली आ रही है कि अगर किसी नाग की हत्या की जाए, तो उसकी नागिन हत्यारे का पीछा करती है। कहा जाता है कि नागिन अपने साथी की मौत को याद रखती है और सही वक्त पर बदला लेती है।
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सांपों को लेकर साइंटिस्ट्स का कहना है कि वे पर्मनन्ट जोड़े नहीं बनाते और न ही किसी के लिए ईमोशनल अटैच्मन्ट रखते हैं। इसलिए बदला लेने जैसी प्रवृत्ति सांपों में नहीं होती। यह विचार सिर्फ लोककथाओं और भ्रम पर आधारित है।
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रिसर्च के मुताबिक, सांपों का मस्तिष्क बहुत छोटा होता है और उनकी याददाश्त भी बेहद सीमित होती है। वे सिर्फ बुनियादी बातें जैसे भोजन की जगह या खतरे से बचाव सीख सकते हैं, लेकिन किसी की मौत याद रखकर बदला लेना उनकी क्षमता में नहीं है।
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गाव वाले एरिया में ये आस्था है कि सांप की आंखों में उसके हत्यारे की फोटो बन जाती है, लेकिन साइंस इसे पूरी तरह गलत मानते हैं। सांप की नजर गति और तापमान पर कान्सन्ट्रैट होती है, न कि चेहरों या छवियों पर।
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कई बार एक नाग के मरने के बाद उसी इलाके में दूसरा सांप नजर आ जाता है। लेकिन इसका कारण बदला नहीं, बल्कि संयोग या नैच्रल हैबिट का खतम होना हो सकता है। खाने की तलाश में सांप अक्सर बस्ती की ओर आ जाते हैं।
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सांपों की आंखों की चमक और उनका रहस्यमय व्यवहार रुरल स्टोरीस को जन्म देता है। ‘बदला लेने वाली नागिन’ जैसी कहानियां भारतीय संस्कृति में गहराई से जुड़ी हैं, लेकिन विज्ञान के अनुसार इनमें कोई सच्चाई नहीं है।
नागमणि क्या है क्या वाकई सांप ऐसी मणि छोड़ता है जैसे बिहार के मुजफ्फरपुर स्कूल में मिला दावा किया गया