भारत में हुई रिसर्च में इन 10 योगासनों को डायबिटीज रोकने में असरदार बताया गया साइंस ने भी पुष्टि की
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आधुनिक विज्ञान अब योग को केवल आध्यात्मिक नहीं बल्कि मेडिकल थैरेपी के रूप में भी स्वीकार कर चुका है। भारत में हुई एक महत्वपूर्ण रिसर्च में यह साबित हुआ है कि नियमित योगाभ्यास से टाइप 2 डायबिटीज का खतरा लगभग 40% तक घटाया जा सकता है।
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जहां मॉडर्न मेडिसिन आज भी डायबिटीज का स्थायी इलाज नहीं खोज पाई है, वहीं भारतीय योग प्रणाली सदियों से इस बीमारी को कंट्रोल में लाने में कारगर रही है। अब विज्ञान भी इसके पीछे के कारणों को समझने लगा है।
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इस अध्ययन को डॉ. एसवी मधु के नेतृत्व में यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज, दिल्ली ने किया है। इस स्टडी को भारत सरकार के विज्ञान और स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी आधिकारिक रूप से स्वीकार किया है।
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अध्ययन में जिन 10 योगासनों को प्रभावी बताया गया है, उनमें प्रमुख हैं - त्रिकोणासन, सूर्य नमस्कार, अर्धमत्स्येन्द्रासन, पवन मुक्तासन, भुजंगासन, और शवासन। यह योगासन ब्लड शुगर लेवल को बैलेंस करने में मदद करते हैं।
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सभी आसनों की शुरुआत सुखासन में बैठकर ओम मंत्र के जाप से करनी चाहिए, जिससे मन शांत होता है और शरीर योग के लिए तैयार हो जाता है। यह प्रैक्टिस मानसिक तनाव को कम करने में भी मदद करती है, जो डायबिटीज का एक बड़ा कारण है।
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रेचक और भस्त्रिका जैसे प्राणायाम तकनीक न सिर्फ फेफड़ों को मज़बूत बनाते हैं, बल्कि शरीर की इंसुलिन सेंसिटिविटी भी सुधारते हैं। इससे ग्लूकोज को प्रोसेस करना आसान हो जाता है।
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सूर्य नमस्कार को एक संपूर्ण योग माना गया है, जिसमें शरीर के हर भाग की स्ट्रेचिंग होती है। इसे रोजाना करने से ब्लड सर्कुलेशन सुधरता है और शरीर की ग्लूकोज प्रोसेसिंग क्षमता बढ़ती है।
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आखिर में शवासन करना मैन्डटोरी है, जिससे पूरे शरीर को डीप रीलैक्स मिलती है। यह डायबिटीज के मुख्य कारणों में से एक तनाव को कम करने में सहायक है।
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