गालियां देने वाले लोग जीते हैं ज्यादा रिसर्च का चौंकाने वाला साइंटिफिक दावा
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Kean University की एक स्टडी के मुताबिक, गालियां देने की आदत सिर्फ गुस्से का इज़हार नहीं है, बल्कि यह स्ट्रेस कम करने का तरीका भी हो सकता है। इस रिसर्च ने यह साबित किया कि गालियां देने वाले लोग मानसिक रूप से ज्यादा मजबूत होते हैं।
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हम बचपन से सुनते आए हैं कि गालियां देना गलत है और समाज में इसे बुरी आदत माना जाता है। लेकिन साइंस की नज़र से देखें तो यह आदत मानसिक स्वास्थ्य सुधारने में मददगार हो सकती है।
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स्टडी में छात्रों को बर्फ से भरे पानी में हाथ डालने का टेस्ट दिया गया। गालियां देने वाले छात्र ज्यादा देर तक दर्द सहन कर पाए, जिससे साबित हुआ कि यह आदत Tolerance और Patience बढ़ाती है।
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रिसर्च कहती है कि गालियां देने से गुस्सा निकल जाता है और दिमाग हल्का महसूस करता है। यह तरीका लोगों को मुश्किल हालात में ज्यादा मजबूत और शांत रहने में मदद करता है।
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तनाव को कई बीमारियों की जड़ माना जाता है – जैसे हाई ब्लड प्रेशर, डिप्रेशन और दिल की बीमारी। जब स्ट्रेस कंट्रोल में रहता है, तो यह सेहत को लंबे समय तक अच्छा बनाए रखता है।
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रिसर्च में पाया गया कि जो लोग अपनी फीलिंग को दबाने की बजाय गालियों के जरिए बाहर निकालते हैं, वे मेंटली ज्यादा फिट रहते हैं और लंबी लाइफ जी सकते हैं।
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हालांकि यह सच है कि गालियां स्ट्रेस कम करती हैं, लेकिन ज्यादा गालियां देना रिश्तों पर बुरा असर डाल सकता है। इसलिए इसे जरूरत के हिसाब से और कंट्रोल में रखना ही बेहतर है।
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कुल मिलाकर साइंस ने साबित किया है कि गालियां सिर्फ गुस्से की निशानी नहीं हैं, बल्कि यह एक तरह का नेचुरल स्ट्रेस रिलीफ थैरेपी है, जो दिमाग को हल्का करती है और आपको हेल्दी लाइफ जीने में मदद करती है।
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