21 घंटों में सूर्य का चक्कर लगाने वाला ग्रह: वैज्ञानिकों की नई खोज
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TOI-3261 b नामक ग्रह, नेपच्यून के आकार का है, जो मात्र 21 घंटों में अपने तारे का चक्कर लगाता है। यह ग्रह अपने तेज गति और विशेष कक्षीय दूरी के कारण खगोलविदों के लिए अत्यधिक रुचिकर है।
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यह ग्रह NASA के TESS (ट्रांजिटिंग एक्सोप्लेनेट सर्वे सैटेलाइट) द्वारा खोजा गया और अंतरराष्ट्रीय खगोलविदों की टीम ने इसकी पुष्टि की। यह "गर्म नेपच्यून रेगिस्तान" क्षेत्र में स्थित है, जहां ऐसे ग्रह मिलना दुर्लभ है।
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TOI-3261 b अपने तारे के अत्यधिक करीब है। इसके बावजूद, यह ग्रह वायुमंडल बनाए रखने में सक्षम है, जो इसे ग्रह निर्माण और विकास के अध्ययन के लिए एक आदर्श उम्मीदवार बनाता है।
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तारे के करीब होने के कारण ग्रह का वायुमंडल तारे की ऊर्जा और गुरुत्वाकर्षण बल से प्रभावित होता है। इससे गैस की बाहरी परतें हट सकती हैं, जो वायुमंडल के लंबे समय तक टिकने को चुनौतीपूर्ण बनाता है।
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TOI-3261 b संभवतः बृहस्पति के आकार का बड़ा गैस ग्रह था। समय के साथ, इसने फोटोएवेपोरेशन और टाइडल स्ट्रिपिंग के कारण अपना अधिकांश वायुमंडल खो दिया।
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ग्रह का वर्तमान वायुमंडल भारी तत्वों से भरपूर है, क्योंकि हल्के तत्व समय के साथ समाप्त हो गए हैं। यह वायुमंडल ग्रह के विकास की प्रक्रिया पर प्रकाश डालता है।
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वैज्ञानिकों का मानना है कि NASA का जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप TOI-3261 b के अतीत और इसके वायुमंडल की संरचना का अध्ययन कर, ग्रह निर्माण की भौतिक प्रक्रियाओं को समझने में मदद करेगा।
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TOI-3261 b जैसे ग्रहों का अध्ययन इस बात को स्पष्ट कर सकता है कि बड़े गैस ग्रह कैसे बनते हैं, अपने वायुमंडल को कैसे बनाए रखते हैं, और समय के साथ उनका विकास कैसे होता है।
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