mpbreakingnews

रामायण: रावण की पत्नी मंदोदरी ने राम को क्यों दिया श्राप और इसका वैवाहिक जीवन पर क्या प्रभाव पड़ा?

mpbreakingnews

रावण की पत्नी मंदोदरी ने राम को श्राप दिया था कि जैसे वह अपने पति के वियोग में दुखी है, वैसे ही राम को भी पत्नी के वियोग का दर्द झेलना पड़ेगा। यह शाप सीता के परित्याग के समय सच हुआ।

mpbreakingnews

मंदोदरी, रावण की मुख्य पत्नी थी और बेहद धार्मिक महिला थीं। उन्होंने रावण को बार-बार समझाया कि सीता हरण अधर्म है, लेकिन रावण नहीं माना, जिससे राम-रावण युद्ध हुआ।

mpbreakingnews

राम ने एक शूद्र तपस्वी शंबूक की हत्या की क्योंकि ब्राह्मणों ने उसकी तपस्या को दोषी ठहराया। मरते वक्त शंबूक ने राम को श्राप दिया कि उन्हें पत्नी और भाई से वियोग झेलना पड़ेगा।

mpbreakingnews

शंबूक के शाप के बाद राम को सीता से बिछड़ना पड़ा और बाद में लक्ष्मण को भी त्यागना पड़ा। इसने राम के जीवन में गहरा अकेलापन भर दिया, जैसा शाप में कहा गया था।

mpbreakingnews

राम ने बाली का वध छुपकर किया। बाली ने मरते समय राम को श्राप दिया कि उन्हें भी छल और अपनों के वियोग का कष्ट भुगतना पड़ेगा। यह शाप भी उनके जीवन पर सटीक बैठा।

mpbreakingnews

वाल्मीकि रामायण में बताया गया है कि राम मंदोदरी, बाली और शंबूक—तीनों के श्रापों से प्रभावित हुए। ये श्राप उनके निजी जीवन में वियोग, पीड़ा और अंततः अकेलापन का कारण बने।

mpbreakingnews

भारतीय संस्कृति के अलावा ग्रीक, मिस्र, रोमन और बाइबिल परंपराओं में भी श्राप की मान्यता है। जैसे मेडुसा का श्राप, ममी का श्राप, और कैन का श्राप आदि इसके उदाहरण हैं।

mpbreakingnews

आज कल के विज्ञान मे श्राप को अंधविश्वास माना जाता है, लेकिन नोसीबो इफेक्ट और मानसिक तनाव के प्रभाव इसे मनोवैज्ञानिक लेवल पर समझाते हैं। समाज और संस्कृति में इसका गहरा असर देखा जाता है।

महाभारत: जब श्रीकृष्ण ने दो बार खोली अपनी तीसरी आंख, दोनों बार टली थी भयानक तबाही