भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव हर साल भाद्रपद मास में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है।
धार्मिक मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण का जन्म इसी तिथि को रोहिणी नक्षत्र, वृष राशि में हुआ था।
इस साल कृष्ण जन्माष्टमी 19 अगस्त को मनाई जाएगी। इस बार यह भगवान श्रीकृष्ण का 5249वां जन्मोत्सव होगा।
ज्योतिषाचार्य कामेश्वर चतुर्वेदी ने बताया कि द्वापर युग में मथुरा पुरी में भाद्रपद मास कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि को मध्य रात 12:00 बजे भगवान श्रीकृष्ण ने जन्म लिया था।
सागर पंचांग, श्री ब्रजभूमि पंचांग, श्रीराधा गोविंद पंचांग सहित अन्य पंचांगों के आधार पर भगवान श्रीकृष्ण के जन्म को 5248 वर्ष हो गए हैं।
जन्माष्ठमी के दिन प्रातः जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके बाद पूर्व या उत्तर की ओर मुख करके व्रत का संकल्प लें।
माता देवकी और भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति या चित्र पालने में स्थापित करें। पूजन में देवकी,वासुदेव,बलदेव,नन्द, यशोदा आदि देवताओं के नाम जपें। रात्रि में 12 बजे के बाद श्री कृष्ण का जन्मोत्सव मनाएं।