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अंग्रेजों ने खरीदी ज़मीन की छोटी सी जगह जो बनी मद्रास और फिर यहीं से फैल गया उनका साम्राज्य पूरे देश में

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21 अगस्त 1639 को ईस्ट इंडिया कंपनी ने विजयनगर साम्राज्य के शासक दामर्ला वेंकटप्पा से मद्रासपट्टिनम नामक मछुआरों के गांव में करीब 3 वर्ग मील जमीन खरीदी. यही छोटा सा सौदा आगे चलकर ब्रिटिश हुकूमत की जड़ें पूरे भारत में फैलाने का आधार बना.

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मद्रासपट्टिनम उस समय एक छोटा-सा मछुआरों का गांव था, जहां मुख्य रूप से तमिल और स्थानीय समुदाय रहते थे. समुद्र से जुड़ा कोरमंडल तट इसे व्यापार और समुद्री गतिविधियों के लिए आदर्श स्थान बनाता था.

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पुर्तगाली और डच पहले से ही इस क्षेत्र में व्यापार कर रहे थे. अंग्रेजों ने देखा कि कपास, मलमल और नील (Indigo) के निर्यात के लिए यह जगह उपयुक्त है. इसी कारण यहां उन्होंने अपना पहला बड़ा व्यापारिक केंद्र और किला (Fort St. George) स्थापित किया.

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1640 में बने फोर्ट सेंट जॉर्ज को अंग्रेजों ने अपने प्रशासनिक और सैन्य अड्डे में बदल दिया. इसके आसपास दो हिस्से बने— व्हाइट टाउन (ब्रिटिश व यूरोपीय समुदाय के लिए) और ब्लैक टाउन (भारतीय व्यापारियों के लिए). यही जगह आधुनिक चेन्नई (Madras) के विकास की नींव बनी

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यहां अंग्रेजों ने कपड़े, मसाले और नील के लिए फैक्ट्रियां, गोदाम और वेयरहाउस बनाए. बड़े बंदरगाह की वजह से जहाज आसानी से लदाई-उतराई कर पाते थे. इस तरह मद्रास सिर्फ व्यापारिक नहीं, बल्कि ब्रिटिशों का प्रशासनिक और सैन्य केंद्र भी बन गया.

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18वीं सदी में जब कर्नाटक युद्ध (Carnatic Wars) हुए, तो मद्रास अंग्रेजों का मुख्य सैन्य ठिकाना बना. यहीं से उन्होंने धीरे-धीरे दक्षिण भारत में नियंत्रण जमाया और 1783 तक तमिलनाडु, आंध्र और केरल का बड़ा हिस्सा अपने कब्जे में लेकर मद्रास प्रेसिडेंसी बनाई.

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शुरुआत में अंग्रेजों के पास केवल कुछ यूरोपीय गार्ड थे, लेकिन 1660 के दशक से उन्होंने स्थानीय भारतीयों को सिपाही के रूप में भर्ती करना शुरू किया. 1750 में “Madras Army” का गठन हुआ, जिसमें हजारों भारतीय पैदल सेना, घुड़सवार और तोपची शामिल हुए. यह सेना ब्रिटिश साम्राज्य की रीढ़ बन गई.

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मद्रास ने ब्रिटिशों को वह मजबूत आधार दिया, जिससे उन्होंने भारत के east coast  पर धीरे-धीरे अपना इक्स्पैन्चन किया. यही विस्तार बाद में पूरे भारत में अंग्रेजी राज की फाउंडेशन बना. आज भी हर साल 21 अगस्त को Madras Day मनाया जाता है, जो इस ऐतिहासिक शुरुआत की याद दिलाता है.

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