देश के ये 7 पुराने रहस्यमयी मंदिर आज तक रहस्यों में डूबे हैं जिनका रहस्य हर किसी को हैरान कर देता है
mpbreakingnews
हिमाचल प्रदेश में स्थित ज्वालामुखी मंदिर आदिशक्ति ज्वाला देवी को समर्पित है। यहाँ धरती के गर्भ से नौ रंगों की ज्वालाएं निकलती हैं, जिन्हें देवी शक्ति के नौ रूप माना जाता है। वैज्ञानिक खोजों के बावजूद यह रहस्य आज तक नहीं सुलझ पाया कि ये ज्वालाएं कैसे और क्यों प्रज्वलित रहती हैं।
mpbreakingnews
चट्टानों के बीच स्थित केवड़िया गुफा मंदिर किसी मानव द्वारा नहीं, बल्कि प्रकृति द्वारा निर्मित माना जाता है। इसकी संरचना और रहस्यमयी गुफाएं देखने वालों को हैरान कर देती हैं, मानो किसी दैवी शक्ति ने इसे आकार दिया हो।
mpbreakingnews
भुवनेश्वर का लिंगराज मंदिर अपनी रहस्यमयी बनावट और मान्यताओं के लिए प्रसिद्ध है। कहा जाता है कि इस मंदिर के ऊपर से न तो विमान उड़ सकते हैं और न ही पक्षी। आज तक इसका कोई वैज्ञानिक कारण सामने नहीं आया है।
mpbreakingnews
महाराष्ट्र के एलोरा गुफाओं में स्थित कैलाश मंदिर पूरी तरह से एक ही चट्टान को काटकर बनाया गया है। माना जाता है कि इसे बनाने में करीब 4 लाख टन पत्थर हटाए गए, जो सिर्फ 18 वर्षों में संभव हुआ। पुरातत्वविद मानते हैं कि इतना विशाल कार्य मनुष्यों के लिए लगभग असंभव था।
mpbreakingnews
जम्मू-कश्मीर की अमरनाथ गुफा भगवान शिव को समर्पित है। यहाँ बर्फ से स्वतः निर्मित होने वाला शिवलिंग हर साल भक्तों के लिए आस्था और रहस्य का केंद्र बनता है। यह शिवलिंग पूरी तरह प्राकृतिक है और इसे बनाने में किसी मानव का हाथ नहीं।
mpbreakingnews
तमिलनाडु का शोर मंदिर समुद्र किनारे स्थित है। मान्यता है कि पहले यहाँ सात मंदिर थे, लेकिन छह मंदिर समुद्र में डूब गए। 2004 की सुनामी के बाद समुद्र ने कुछ प्राचीन संरचनाओं को उजागर किया, जिससे यह रहस्य और गहरा हो गया।
mpbreakingnews
बिहार के कैमूर जिले का मुंडेश्वरी मंदिर दुनिया के सबसे पुराने जीवित मंदिरों में गिना जाता है। यहाँ की अनोखी परंपरा के अनुसार, बकरी की बलि बिना रक्त बहाए दी जाती है। कहा जाता है कि देवी के चरणों से स्पर्श किए गए चावल बकरी पर डालने से वह बेहोश हो जाती है और बाद में फिर से जीवित हो उठती है।
mpbreakingnews
भारत के ये प्राचीन मंदिर न सिर्फ आस्था का केंद्र हैं बल्कि विज्ञान के लिए भी एक पहेली बने हुए हैं। ज्वालामुखी, केवड़िया, लिंगराज, कैलाश, अमरनाथ, शोर और मुंडेश्वरी मंदिर आज भी यह सवाल उठाते हैं कि क्या इन्हें मनुष्यों ने बनाया या किसी अलौकिक शक्ति का योगदान रहा।
यह दुनिया का अकेला शहर है जहां नानवेज भोजन पूरी तरह बैन है क्या यहां रहने वाले मुस्लिम भी शुद्ध शाकाहारी हैं?