समंदर किनारे मिली फिल्म ने बदल दी किस्मत खलनायक बन अमिताभ को दी टक्कर एक डायलॉग बना पहचान
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डैन धनोआ को फिल्मों में पहला ब्रेक तब मिला जब वह समुद्र किनारे टहल रहे थे और मनमोहन देसाई ने उन्हें अचानक एक बड़ी फिल्म में कास्ट कर लिया। यहीं से शुरू हुआ उनका बॉलीवुड विलेन बनने का सफर।
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1985 में आई अमिताभ बच्चन की ब्लॉकबस्टर फिल्म 'मर्द' में डैन धनोआ ने दमदार खलनायक के रूप में डेब्यू किया। फिल्म में उनकी एंट्री और अंदाज़ ने दर्शकों को दीवाना बना दिया।
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मर्द फिल्म में डैन का डायलॉग "मैं हूं जनरल डायर का बेटा डैनी" इतना हिट हुआ कि वह इस एक लाइन से ही हमेशा के लिए दर्शकों के ज़ेहन में बस गए। ये डायलॉग आज भी बॉलीवुड के सबसे पॉपुलर डायलॉग्स में गिना जाता है।
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अपने छोटे लेकिन यादगार करियर में अमिताभ बच्चन, विनोद खन्ना और धर्मेंद्र जैसे बड़े सितारों के साथ काम करने के बावजूद डैन धनोआ ने फिल्म इंडस्ट्री को जल्द ही अलविदा कह दिया क्योंकि उन्हें बॉलीवुड की राजनीति रास नहीं आई।
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डैन ने अपने करियर में त्रिदेव, तहलका, शंहशाह, कर्मा, वतन के रखवाले जैसी 100 से ज्यादा फिल्मों में काम किया और हर बार अपनी अलग छाप छोड़ी।
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डैन धनोआ खुद अमिताभ बच्चन के बहुत बड़े फैन थे। जब उन्हें मर्द में उनके सामने खलनायक बनने का मौका मिला, तो उन्होंने इसे तुरंत स्वीकार कर लिया। ये उनके करियर का टर्निंग पॉइंट साबित हुआ।
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डैन का असली नाम इंद्रप्रीत धनोआ है और उनके पिता उन्हें डॉक्टर बनाना चाहते थे। लेकिन डैन की दिलचस्पी मर्चेंट नेवी और मॉडलिंग में थी। एक्टिंग तो उनके जीवन में अचानक ही आ गई।
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कुर्बानी की सक्सेस पार्टी में फिरोज खान ने उन्हें पहली बार नोटिस किया था। हालांकि वो प्रोजेक्ट बंद हो गया, लेकिन उन्होंने ही मनमोहन देसाई को डैन की सिफारिश की, जिससे मर्द फिल्म में उन्हें ब्रेक मिला।
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