हर घर में होने वाली ये 3 गलतियां प्रेशर कुकर को बना सकती हैं टाइम बम जानें जान बचाने वाले सेफ्टी टिप्स
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हर बार प्रेशर कुकर इस्तेमाल करने से पहले वेंट पाइप को अच्छी तरह से चेक करें। दाल या चावल पकाते समय अक्सर यह ब्लॉक हो जाता है, जिससे अंदर दबाव बढ़कर कुकर फट सकता है।
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सेफ्टी वॉल्व का काम है अतिरिक्त प्रेशर को बाहर निकालना। अगर यह फेल हो जाए तो हादसा तय है। एक्सपर्ट्स की सलाह है कि हर 12 महीने में इसे बदलवाना बेहद जरूरी है।
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प्रेशर कुकर को उसकी अधिकतम क्षमता से 2/3 तक ही भरें। ज्यादा भरने पर अंदर भाप के लिए जगह नहीं बचती, जिससे प्रेशर कुकर फटने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
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बाजार में सस्ते और घटिया क्वालिटी के कुकर मिल जाते हैं, लेकिन इनमें सुरक्षा की गारंटी नहीं होती। हमेशा ISI मार्क वाला प्रेशर कुकर ही इस्तेमाल करें जो स्टैंडर्ड सेफ्टी टेस्ट से पास हो।
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ढक्कन और सीलिंग रिंग (रबर गैसकेट) अगर ढीली, फटी या गंदी हो तो प्रेशर लीकेज हो सकता है, जिससे खाना अधपका रहेगा या कुकर फट सकता है। इन्हें समय-समय पर बदलते रहें।
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घर में गैस चूल्हे की तरह प्रेशर कुकर का भी साल में एक बार प्रोफेशनल से सेफ्टी इंस्पेक्शन कराना चाहिए, ताकि किसी भी टेढ़े-मेढ़े हिस्से या जंग का तुरंत समाधान हो सके।
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अगर सीटी की आवाज सामान्य से ज्यादा तेज या धीमी लगे तो समझिए वेंट पाइप या वाल्व में गड़बड़ी है। ऐसी स्थिति में तुरंत इस्तेमाल रोकें और कुकर की जांच करें।
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कुकर में प्रेशर पूरी तरह खत्म होने के बाद ही उसका ढक्कन खोलें। अधूरा प्रेशर खोलने से गर्म भाप सीधे चेहरे या शरीर पर लग सकती है, जिससे जलने की घटनाएं हो सकती हैं।
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