कढ़ी में बार-बार पड़ती हैं गांठें ये 4 आम गलतियां हैं वजह अपनाएं दादी-नानी का पुराना असरदार तरीका
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कढ़ी बनाते समय अगर आप बेसन में एकसाथ पानी डाल देते हैं, तो गांठें बनना तय है। कढ़ी में गांठें न पड़ें, इसके लिए बेसन को धीरे-धीरे पतली दही या पानी के साथ फेंटें और स्मूद पेस्ट तैयार करें।
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सीधा दही डालने पर कढ़ी फट सकती है और उसका टेक्सचर बिगड़ जाता है। पहले दही को अच्छे से फेंटें, फिर बेसन के घोल में मिलाएं और धीमी आंच पर पकाएं।
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कढ़ी को हाई फ्लेम पर पकाने से बेसन जल सकता है या कच्चा रह सकता है। धीमी आंच पर पकाने से स्वाद भी बढ़ता है और कढ़ी स्मूद बनती है।
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कढ़ी में जरूरत से ज्यादा बेसन डालने से वो गाढ़ी होकर गांठदार हो सकती है। एक लीटर कढ़ी के लिए 3–4 चम्मच बेसन ही पर्याप्त है।
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बेसन-दही का घोल जब तक उबल न जाए, तब तक उसे बिना रुके चलाते रहना चाहिए। इससे गांठें नहीं बनतीं और दही भी नहीं फटता।
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अगर घोल में आपको गांठें दिखें, तो उसे छलनी से छान लें। इससे बेसन की स्मूदनेस बनी रहेगी और कढ़ी की टेक्सचर सुधर जाएगी।
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कढ़ी में जब उबाल आने लगे, उस वक्त हींग, जीरा, लाल मिर्च और मेथी के तड़के का उपयोग करें। इससे स्वाद दोगुना और सुगंध जबरदस्त हो जाती है।
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अगर कढ़ी में गलती से गांठें बन भी जाएं, तो घबराएं नहीं। हैंड ब्लेंडर से उसे मिक्स करें और कुछ मिनट और पकाएं, कढ़ी फिर से स्मूद हो जाएगी।
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