जैतूनी भूरी ये बड़ी छिपकली सांपों की कट्टर दुश्मन लेकिन नाम सुनते ही लोग घबरा जाते हैं
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ग्रामीण इलाकों में दिखने वाली जैतूनी-भूरे रंग की Monitor Lizard (गोह/गोसाप) को देखकर लोग अक्सर डर जाते हैं। जबकि सच्चाई यह है कि यह छिपकली इंसानों की दुश्मन नहीं, बल्कि उनकी सुरक्षा करती है।
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मॉनिटर लिजार्ड सांपों की प्राकृतिक शिकारी होती है। यह सांपों के अंडे और छोटे सांप खाकर उनकी संख्या को कंट्रोल करती है। यही कारण है कि इसे snake population controller कहा जाता है।
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लोगों में फैली भ्रांति है कि इसके काटने से इंसान की मौत हो जाती है, लेकिन यह बिल्कुल गलत है। Monitor Lizard is not venomous और इंसानों को कोई नुकसान नहीं पहुँचाती।
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भारत में 377 प्रजातियों की छिपकलियाँ पाई जाती हैं, जिनमें मॉनिटर लिजार्ड सबसे बड़ी प्रजाति है। इसकी लंबाई 61 सेंटीमीटर से लेकर 175 सेंटीमीटर तक हो सकती है और इसका वजन 7-10 किलो तक होता है।
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हर साल भारत में 30 से 40 लाख लोग सर्पदंश का शिकार होते हैं, जिनमें लगभग 50,000 मौतें होती हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि monitor lizard helps save thousands of lives by reducing snake population.
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गांवों में इसे लेकर कई गलतफहमियाँ फैली हुई हैं। काला जादू, झाड़-फूंक और ज़हरीला होने की ग़लतफ़हमी के कारण monitor lizard hunting बड़े पैमाने पर होता है। यही वजह है कि इसकी तादात लगातार घट रही है।
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Monitor Lizard खेतों और जंगलों में सांपों की पाप्यलैशन कंट्रोल करके न सिर्फ इंसानों की सुरक्षा करती है बल्कि पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में भी अहम योगदान देती है।
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मॉनिटर लिजार्ड को मारना नुकसानदेह है। अगर लोगों को इसके फायदे और सच्चाई समझाई जाए तो यह खतरनाक ग़लतफ़हमी से बचकर इंसानों और पर्यावरण दोनों के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है।
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