मध्यप्रदेश जीता जागता इतिहास है। यहां सभी धर्मों का विकास हुआ। भारत के अलग अलग शासकों की कहानी से जुड़े किस्से यहां हैं, इन्हीं में से एक अगरमालवा का बैजनाथ मन्दिर।

बैजनाथ मन्दिर कोई आम मन्दिर नही है। यह आस्था से जुड़ा है। भोलेनाथ के ऐसे भक्त से जुड़ा है, जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती।

इस मन्दिर का निर्माण किसी हिंदू राजा ने नही बल्कि एक अंग्रेज अफसर ने करवाया था।

कहा जाता है की जब अंग्रेजो ने अफगानिस्तान पर हमला किया, तब ब्रिटिश छावनी की जिम्मेदारी कर्नल मार्टिन पर थी। उन्हें अपनी पत्नी को मालवा में ही छोड़ना पड़ा।

वो रेगुलर लेडी मार्टिन को लेटर लिखते थे। लेकिन जब युद्ध की खबर और लेटर आना बन्द हुआ तो इस बात से लेडी मार्टिन परेशान हो गई।

घुड़सवारी के वक्त उन्होंने शिव मंत्रो की आवाज़ सुनी, जब रुकी तो एक छोटा सा मंदिर दिखा। उन्हें वहां शांति मिली। तब पुजारी ने उन्हें बताया कि 11 दिनों तक शिव लघुरूद्र अनुष्ठान से समस्या खत्म हो जाएगी।

उन्होंने ने मंदिर से जीर्णोद्धार की मन्नत के साथ प्रक्रिया शुरू की। समापन के दिन उन्हें कर्नल मार्टिन का खत मिला, जिसमें उन्होंने जीत की खुशी दी।

कर्नल के लौटते ही लेडी मार्टिन ने उन्हें सारी बात बताई। फिर दोनों शिव की सरण में पहुंचे और 15 हज़ार की राशि दान की।

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