‘गैजेटेड’ क्लास के कैदी कौन हैं जेल में उन्हें कैसा ट्रीटमेंट मिलता है जानें VVIP कैदियों का सच
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भारतीय जेल मैनुअल के अनुसार, कैदियों को कई कैटेगरी में बांटा जाता है। इनमें अंडरट्रायल कैदी (जिनका केस कोर्ट में चल रहा है), कंविक्टेड कैदी (जिन्हें सजा मिल चुकी है), सिविल कैदी (सिविल केस वाले) और डिटेन्यू (NSA या प्रिवेंटिव डिटेंशन में बंद लोग) शामिल हैं।
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यह कैटेगरी समाज के प्रभावशाली लोगों को दी जाती है जैसे मंत्री, सांसद, बड़े बिजनेसमैन, वरिष्ठ अधिकारी, प्रोफेसर, लेखक और समाजसेवी। ये वे लोग हैं जिनका समाज में सम्मानित दर्जा और उच्च जीवनशैली रही हो।
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इस कैटेगरी के कैदियों को आमतौर पर अलग सेल दी जाती है। सेल में तख्त, टेबल, स्टूल, लैंप और मच्छरदानी जैसी सुविधाएं उपलब्ध होती हैं ताकि उनका रहन-सहन आरामदायक हो।
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सुपीरियर क्लास कैदियों को विशेष बर्तन जैसे कप, गिलास, थाली और चम्मच दिए जाते हैं। उनके भोजन की गुणवत्ता भी आम कैदियों की तुलना में बेहतर होती है।
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इन कैदियों को भारी शारीरिक श्रम वाले काम नहीं करने पड़ते। वे ज्यादातर लाइब्रेरी संभालने, पत्र लिखने या शिक्षण से जुड़े हल्के काम करते हैं।
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अलग-अलग राज्यों में इन कैदियों को अलग नामों से पुकारा जाता है। कहीं इन्हें सुपीरियर क्लास कैदी कहा जाता है तो कहीं कैटेगरी-A का कैदी।
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इन कैदियों का जीवन जेल में भी सामान्य कैदियों से काफी अलग होता है। रहन-सहन, सुविधाएं और सुरक्षा उन्हें VIP ट्रीटमेंट का अहसास कराती हैं।
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आम धारणा के विपरीत, सभी कैदियों के लिए जेल समान नहीं होती। सुपीरियर क्लास कैदी वहां भी आराम और सुविधा से रहते हैं, जबकि आम कैदियों को सख्त नियम और कठिन जीवन झेलना पड़ता है।
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