भोपाल। मध्य प्रदेश में डीजीपी के वर्ग विशेष को लेकर जारी की गई एडवाइजरी को लेकर बवाल मच गया है| वहीं गृहमंत्री बाला बच्चन को ऐसे किसी आदेश की जानकारी नहीं है| हालाँकि उन्होंने भी जाति पूछकर गिरफ्तारी को गलत बताया है| उन्होंने कहा है कि डीजीपी से मिलकर इस सम्बन्ध में चर्चा करेंगे | वहीं डीजीपी के इस तरह के आदेश जारी करने को लेकर बयानबाजियों का दौर भी शुरू हो गया है| भाजपा ने जहां कानून व्यवस्था पर सवाल उठाये हैं, वहीं जाति के आधार पर गिरफ्तारी के मामले में पूर्व डीजीपी नंदन दुबे ने बयान दिया है। नंदन दुबे के मुताबिक कानून के दायरे में कार्रवाई होनी चाहिए।
दरअसल, प्रदेश के थानों में एससी-एसटी वर्ग के साथ हिरासत में मारपीट के मामले बढ़े हैं, जिसको लेकर प्रदेश के डीजीपी वीके सिंह ने सभी जिलों के एसपी को एडवाइजरी जारी की है| जिसमें कहा गया है कि जरूरी हो तभी इस वर्ग के लोगों को हिरासत में लिया जाए और ऐसे मामलों में सतर्कता बरती जाए, साथ ही एससी एसटी वर्ग के लोगों के साथ थानों में अभद्र व्यवहार और मारपीट ना की जाए|
यह बोले गृहमंत्री
इस तरह के आदेश से नया बखेड़ा खड़ा हो गया है| वहीं गृहमंत्री बाला बच्चन का कहना है कि जाति पूछकर कार्रवाई नहीं की जा सकती। इस संबंध में आज डीजीपी के साथ मीटिंग करूँगा। हालांकि पूरे देश में इस तरह की बात आई है। एससी/एसटी वर्ग के साथ इस तरह के मामले आए हैं। उसको लेकर कहा गया होगा। अगर ऐसा ऑर्डर है तो देखता हूं।
कानून व्यवस्था पर पूर्व मंत्री का निशाना
डीजीपी के पत्र को लेकर बोले पूर्व मंत्री विश्वास सारंग ने कहा मध्य्प्रदेश की कानून व्यवस्था बहुत खराब है और डीजीपी का पत्र ये साबित भी कर रहा है| सरेराह लोगो को मारा जा रहा है छोटी छोटी बच्चियों के साथ रेप हो रहा है, फरियादी अगर थाने में जाता है तो उसके साथ भी दुर्व्यवहार हो रहा है| अगर डीजीपी ने ऐसा पत्र लिखा है तो कुछ न कुछ ऐसा है जो गलत है, मुख्यमंत्री को सामने आकर इसका जबाब देना चाहिए|
पूर्व डीजीपी ने कहा क़ानून के दायरे में हो कार्रवाई
पूर्व डीजीपी नंदन दुबे ने इस मामले में कहा कि कानून के दायरे में कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि पुलिस ध्यान रखे कि किसी के साथ अन्याय न हो। सभी के साथ न्याय करें। एक पक्ष, दो पक्ष कि हिसाब से नहीं, कानून के हिसाब से कार्रवाई करें। सभी के लिए कानून है|