लोकसभा चुनाव के बाद हो सकता है मंत्रिमंडल विस्तार, परफॉर्मेंस से तय होगा भविष्य

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भोपाल। विधानसभा चुनाव में जीत के बाद लोकसभा की तैयारी में जुटी कांग्रेस को मध्य प्रदेश में कमाल दिखाना होगा| केंद्र में वापसी के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष को मध्य प्रदेश से खासी उम्मीद है| प्रदेश में 15 साल बाद सत्ता में लौटी कांग्रेस को लोकसभा में प्रदर्शन दोहराने की चुनौती है| इसी के चलते सगठन के साथ ही मंत्रियों को भी लोकसभा चुनाव की जिम्मेदारी सौंपी गई है| मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने स्पष्ट कर दिया है कि लोकसभा चुनाव में परफॉर्मेंस के आधार पर ही मंत्री, विधायक और संगठन पदाधिकारियों का कद बढ़ेगा| वहीं नॉन परफ़ॉर्मर की कुर्सी जा सकती है| लोकसभा चुनाव के बाद मंत्रिमंडल विस्तार हो सकता है| इनमे परफॉर्मेंस के आधार पर कई विधायकों को मंत्री बनने का मौका मिल सकता है, वहीं कई मंत्रियों के पर काटे जा सकते हैं, चुनाव के नतीजों के अनुसार उनके विभाग भी बदले जा सकते हैं| साथ ही संगठन के पदाधिकारियों समेत अन्य नेताओं का पद बढ़ा किया जायेगा| निगम मंडल में नियुक्ति के साथ ही उनकों संगठन में बड़ा पद दिया जाएगा|  कांग्रेस इस बार हर स्तिथि में प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों में से कम से कम 20 से 24 सीटें जीतना चाहती है| जिसके लिए कांग्रेस ने अपने मंत्रियों को स्पष्ट फरमान दे दिया है| 

अपने अपने क्षेत्र में पार्टी को जीत दिलाने के लिए अब मंत्रियों का परर्फोमेंस पर निर्भर करेगा कि वह लोकसभा चुनाव के बाद मंत्री रहेंगे या फिर बेहतर परिणाम देने वाले विधायकों की किस्मत खुलेगी। इस जिम्मेदारी पर खरे नहीं उतरने वाले मंत्रियों की कैबिनेट से छुट्टी हो सकती है| कमलनाथ कैबिनेट में सभी मंत्रियों को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है। इसके पीछे का करण जानकार बताते हैं कोई भी मंत्री यह बहाना न बना सके कि उसके काम में किसी ने रोड़ा अड़ाया।  मंत्रियों की सूची में फिलहाल कई वरिष्ठ विधायक बैठे हुए हैं जो नाराज भी हुए, लेकिन उनको फिलहाल मनाते हुए यह भरोसा दिलाया गया है कि लोकसभा चुनाव तक इंतजार करो। अब मंत्रियों के पास लोकसभा चुनाव के लिए अपने क्षेत्र में बेहतर परिणाम देने के लिए कम समय बचा है, क्योंकि मार्च माह के पहले सप्ताह चुनाव आचार संहिता लग सकती है। लोकसभा चुनाव के बाद मंत्रिमंडल का विस्तार किया जा सकता है|  प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों के लिए एक एक मंत्री के पास दो दो जिलों की जिम्मेदारी दी जा रही | इसमें एक जिला मंत्री का गृह क्षेत्र वाला होगा, जबकि दूसरा उनके प्रभार वाला जिला होगा| दोनों जिलों की हर विधानसभा कांग्रेस को जिताकर देना मंत्रियों की जिम्मेदारी होगी|  


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