जानकारी के अनुसार, दोनों की शादी 13 साल पहले हुई थी। और पत्नी गीत-संगीत की शौकीन थी, जिसके कारण वह शादी के बाद भी अपना संगीत नहीं छोड़ना चाहती थी और हर दिन रियाज किया करती थी, लेकिन उसके ससुराल पक्ष को बहू का गीत-संगीत करना पंसद नहीं था। जिसकी वजह से घर में हर दिन विवाद होने लगा और इस विवाद में उसके पति ने भी अपने परिवारवालों का साथ देते हुए अपनी पत्नी को तलाक दे दिया।
आज महिला है सरकारी अफसर
पति अलग होने के बाद महिला ने अपनी पढ़ाई जारी रखते हुए खुद के पैरों पर खड़े होने का निर्णय ले लिया। जिसके बाद महिला ने अपनी पढ़ाई निरंतर जारी रखते हुए कड़ी मेहनत की और आज वह एक सरकारी अफसर के रूप में अच्छे पोस्ट पर पहुंच गई है।
परिवारवालों ने छोड़ा बेसहारा, पूर्व पत्नी बनी सहारा
किस्मत का खेल कब पलट जाए यह किसी को नहीं पता। ऐसा ही कुछ हुआ है इन दोनों पति-पत्नी के बीच, जहां जिस पति ने अपनी पत्नी को बेसहारा छोड़ दिया था, आज वही कैंसर जैसी लाइलाज बीमारी के चलते जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहा है। जिसे अपनी बीमारी का पता 2018 में तब चला जब उसकी बीमारी तीसरे स्टेज पर पहुंच गई थी। वही बीमारी का पता चलते ही उसके परिवार वालों ने भी बुरे वक्त में उसका साथ छोड़ दिया।
गिले-शिकवे भूलाकर महिला ने दिया पति का साथ
महिला को अपने पति के कैंसर की जानकारी अपने एक दोस्त से मिली। जिसके बाद क्या था, महिला ने तुरंत ही अपनी सारी कड़वाहट को भूलाकर अपने पति का साथ देने का निर्णय लिया। फिर अपने पति को अपने घर लेकर आई। जिसके बाद उसके इलाज के लिए उसे एक अच्छे अस्पताल में दिखाया, जहां से अब उसका इलाज चल रहा है।
दोस्त कर रहा दोनों को एक करने की कोशिश
महिला के पति के दोस्त के द्वारा दोनों को फिर से एक करने का प्रयास किया जा रहा है। जिसके लिए उसके दोस्त ने कुटुंब न्यायालय (Family court) में दोनों की काउंसलिंग के लिए आवेदन भी दिया है। नारी को हमेशा त्याग और प्रेम से भरी मूरत के रूप में देखा जाता है। जिसे आज इस महिला ने साबित कर दिया, क्योंकि तलाक के बाद फिर से अपने पति के बुरे वक्त में सहारा बनना किसी पत्नी के लिए आसान नहीं होता है। इस कार्य के लिए लोग महिला की सराहना कर रहे है।