एक बार फिर बिगड़े Sadhvi Pragya Thakur के बोल, कहा- वोट देकर नेताओं को खरीद नहीं लेते हो

साध्वी प्रज्ञा ठाकुर

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। भोपाल सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर (Bhopal MP Sadhvi Pragya Thakur) अपने बेबाक (Frank) बयानों के लिए जानी जाती हैं। वे अक्सर अपने बयानों (Statement) के चलते चर्चाओं का विषय बन जाती हैं। एक बार फिर साध्वी प्रज्ञा ठाकुर (Sadhvi Pragya Thakur) द्वारा दिया गया बयान राजनीतिक गलियारों में चर्चा विषय बन गया है। भूमी पूजन ( कार्यक्रम में पहुंची साध्वी प्रज्ञा ठाकुर व्यापारियों पर भड़क गई और उन्होंने यह तक कह दिया कि आप वोट (Vote) देकर नेताओं को खरीद (Purchased) नहीं लेते हैं । विकास कार्य करने की जिम्मेदारी जनप्रतिनिधि (Public Representatives)  की है, लेकिन आप लोगों का भी सचेत (Alert) होना जरूरी है।

दरअसल साध्वी प्रज्ञा ठाकुर (Sadhvi Pragya Thakur) राजधानी के न्यू मार्केट (New Market) में नए  व्यावसायिक परिसर (Commercial Complex) के भूमि पूजन कार्यक्रम में शामिल होने पहुंची थी। कार्यक्रम के दौरान साध्वी प्रज्ञा ठाकुर (Sadhvi Pragya Thakur) ने मंच से सभा को संबोधित करते हुए व्यापारियों (Traders) को खरी-खोटी सुना दी। साथ ही सांसद ने व्यापारियों को जागरूक रहने की नसीहत दी है, क्योंकि विकास कार्यों में उनकी सहभागिता (Participation) ज्यादा रहती है। साध्वी ने कहा कि बीजेपी हमेशा आपके साथ है। आज जो भूमि पूजन हुआ है वह व्यापारियों की उन्नति के लिए ही है। आप देश के विकास में योगदान दें। अभी तक यहां का विकास रुका हुआ था, क्योंकि यहां के व्यापारी जागरूक नहीं थे और इसी बात का फायदा कांग्रेस ने हमेशा उठाया है। लेकिन अब नई प्रगति के मार्ग खुल गए हैं। कोई भी सरकारी योजना बनती है तो आप लोग आगे आए और इसमें सहयोगी बने।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।