भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। सैयद मोहम्मद अफजल.. एक ऐसी शख्सियत (Personality) जो भुलाए नहीं भूलेगी। सहजता ,सरलता ,व्यक्तित्व मे अपनापन,ये सब गुण थे जो अफजल को एक अलग ही शख्सियत प्रदान करते थे। 1990 बैच के अफजल ने अपने कैरियर (Career) की शुरुआत डबरा में एसडीओपी (Dabra’s SDOP) के पद से शुरू की और तभी यह बात समझ में आ गई कि वे आम आदमी के प्रति कितने संवेदनशील (Sensitive) और संबंधों के लिए किस हद तक विशाल हृदय व्यक्तित्व है।
आज के इस दौर में जब किसी भी व्यक्ति की पीठ पीछे कोई तारीफ करें तो यह सचमुच अल्लाह का करम है और अफजल साहब पर तो मानो ऊपर वाले की गजब की मेहरबानी थी। माहौल कितना भी गमगीन क्यों ना हो ,अफजल जी के आते ही खुशनुमा (Happy) हो जाता था और फिर ठहाको का जो दौर शुरू होता था, रोके नहीं रुकता था। अफजल साहब के एक के बाद एक चुटकुले (joke) महफिल में उन्हें हीरो बना देते थे ।