बेटे ने खुद रची अपने अपहरण की कहानी, पिता से मांगी थी 10 लाख की फिरौती

मुरैना,संजय दीक्षित। मुरैना जिले के दिमनी थाना क्षेत्र के ग्राम सिरमौर का पुरा निवासी अनोद सिंह पुत्र जय सिंह तोमर का 18 वर्षीय लड़का प्रिंस घर से अंबाह की बोलकर अपनी मोटरसाइकिल से गया था जो देर रात तक वापस घर नही पहुंचा। पिता ने उसकी  आस पास तलाश की लेकिन वह नहीं मिला। अनोद सिंह के मोबाइल नंबर पर कुछ समय बाद 10 लाख की फिरौती का एक फोन आया। प्रिंस के नंबर से फोन आने पर सब लोग सकते में आ गए कि बच्चे का किसी ने अपहरण कर लिया हैं।

अनोद सिंह ने तत्काल थाना दिमनी को सूचना दी । सूचना मिलते ही पुलिस हरकत में आ गयी। अपहरण की सूचना मिलते ही पुलिस अधीक्षक अनुराग सजानिया ,अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हंसराज सिंह के साथ एसडीओपी अम्बाह ने मिलकर इस मामले पर गंभीरता से लेते हुए लड़के के मोबाइल नंबर को साइबर से जोड़कर लोकेशन का पता लगाया गया। उसकी लोकेशन पर पुलिस टीम काम कर रही थी कि पता चला कि लड़के की मोटरसाइकिल एक मड़ी माता मंदिर के पास खड़ी हुई है और लड़का गायब है।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।