कांग्रेस की कृषि बिल के खिलाफ खाट महापंचायत, मृतकों के परिजनों को मिलेंगे 50 हज़ार रुपए

मुरैना, संजय दीक्षित। आज मुरैना में कृषि कानून के विरोध में किसान महापंचायत का आयोजन किया गया।इस महापंचायत में पूर्व सीएम कमलनाथ, पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह सहित कांग्रेस के कई बड़े नेता शामिल हुए है। वहीं हजारों की संख्या में किसान भी खाट महापंचायत में शामिल हुए थे।जिन्हें खाट पर बैठाया गया। वहीं इस दौरान पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा कि किसानों के साथ जो अन्याय हो रहा है, कांग्रेस उनके साथ खड़ी है। यह किसानों के जीवन का सवाल है, केंद्र सरकार ने पूरे देश की अर्थव्यवस्था को चौपट कर दिया है। उसके खिलाफ कांग्रेस पार्टी डटकर सामना करेगी।

इस दौरान पूर्व सीएम से जब पूछा गया कि क्या कांग्रेस केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के गृह जिले में उनको घेरने की कोशिश कर रही है, तो इसके जवाब में कमलनाथ ने कहा कि जिस केंद्रीय मंत्री को एक साधारण सा गरीब किसान समझ नहीं आता तो इसमें कुछ कहने लायक नहीं है। केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानून के खिलाफ कांग्रेस ने इस खाट महापंचायत का आयोजन किया था। जिसको लेकर पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा था कि इस महापंचायत के जरिए कृषि कानून के विरोध में किसानों के साथ बैठकर रणनीति तैयार की जाएगी।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।