तत्कालीन जेडीए, टीएनसीपी, नगर निगम के अधिकारियों ने मिलकर सेठ मन्नूलाल अस्पताल ट्रस्ट को एक बड़े अस्पताल खोलने की अनुमति दे दी। आज इस जमीन पर बहुमंजिला अस्पताल तना हुआ है। सरकारी जमीन की हेराफेरी में जबलपुर लोकायुक्त पुलिस ने तत्कालीन जेडीए सहित 16 लोगो के खिलाफ धोखाधड़ी व भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर जाँच शुरू कर दी है।
सरकारी अधिकारियों ने साठगांठ कर किया मद परिवर्तन
जबलपुर लोकल पुलिस की जांच में यह बात सामने आई कि जो जमीन शिक्षण संस्थान के लिए आरक्षित की गई थी उस जमीन पर सेठ मन्नूलाल जगन्नाथ दास अस्पताल ट्रस्ट ने एक बड़ा अस्पताल खोल डाला। खास बात यह है कि सरकारी अधिकारियों ने सांठगांठ कर जमीन का मत परिवर्तन करते हुए बड़ा फर्जीवाड़ा किया। वर्तमान में इस जमीन पर एक बड़ा अस्पताल स्थान बना हुआ है। मामला दर्ज होने के बाद अब हर तरफ हड़कंप मचा हुआ है, उक्त जमीन की वर्तमान कीमत करीब 30 करोड़ रुपये से अधिक बताई जा रही है।
ट्रस्ट ने जमीन मांगी शिक्षण संस्थान के लिए और वहां तान दिया बड़ा अस्पताल
लोकायुक्त पुलिस के मुताबिक सेठ मन्नूलाल जगन्नाथ दास अस्पताल ट्रस्ट ने जेडीए से शिक्षण संस्थान खोलने के लिए जमीन मांगी थी। ट्रस्ट के आवेदन पर वर्ष 2004 में जेडीए द्वारा 20000 वर्ग फीट जमीन कम दरों पर ट्रस्ट को डेंटल कॉलेज खोलने के लिए आवंटित की गई। जमीन आवंटन के बाद जेडीए-टीएनसीपी व नगर निगम के अधिकारियों ने सांठगांठ कर शिक्षण संस्थान की जगह अस्पताल खुलवा दिया।
धोखाधड़ी के तहत इन अधिकारियों पर लोकायुक्त ने मामला किया दर्ज
धोखाधड़ी व भ्रष्टाचार के तहत जांच करते हुए लोकायुक्त पुलिस ने जबलपुर विकास प्राधिकरण के तत्कालीन सीईओ बीबीएस गहरवार, तत्कालीन सीईओ शिवेंद्र सिंह, कार्यपालन यंत्री जीएन सिंह, संपदा अधिकारी सीएल रख्या, संपदा प्रबंधक सी.पी दीक्षित,लिपिक रामेश्वर ठाकुर, टीएनसीपी के संयुक्त संचालक एस के महावर, उपयंत्री आर एस पटेल, सहायक मानचित्र अधिकारी राजेश दीवान, नगर निगम के तत्कालीन भवन अधिकारी भूपेंद्र सिंह, पंजीयक कार्यालय के उप पंजीयक एस कोरी, ट्रस्ट अध्यक्ष मधुसूदन दास मालपानी, सचिव कृष्ण कुमार मालपानी, मन्नूलाल अस्पताल के तत्कालीन डायरेक्टर जेबी सेन के खिलाफ धारा 7 का 13.1 भी 13.2 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अलावा 420 ए, 467 ए,471 एवं 120 के तहत मामला दर्ज किया गया है।