सुशील खरे, रतलाम। कहते हैं अगर मन में कुछ ठान लिया जाए तो कोई काम मुश्किल नहीं। इसी बात को सच कर दिखाया है रतलाम की मीनाक्षी टांक ने। इन्होने 25 पैसे के सिक्के पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पीएम नरेंद्र मोदी सहित देश के अन्य कई महापुरुषों की आकृति उकेरकर अपना नाम वर्ल्ड रिकार्ड (world record) में दर्ज कर लिया है। इन्होने इंटरनेशनल बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड, एशिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड ओर इंडिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में खुद को दर्ज कराकर पूरे जिले का नाम रोशन किया है।
मीनाक्षी टांक शुरू को शुरू से ही चित्रकारी में दिलचस्पी थी। उन्होने अपने इस हुनर को धीरे धीरे तराशा और फिर उन्हें पहचान भी हासिल होने लगी। मिड टाउन कालोनी में रहने वाली मीनाक्षी ने पेंटिंग को एक नया आयाम दिया और 25 पैसे के सिक्कों पर आकृतियां बनाना शुरू किया। इन्होने 37 सिक्कों का इस्तेमाल कर एक्रेलिक कलर से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई महापुरुषों के चित्र बनाये हैं।
बचपन से ही पेंटिंग के प्रति रुचि रखने वाली मीनाक्षी ने ड्राइंग एन्ड पेंटिंग में बाकायदा मास्टर डिग्री हासिल की है। इनकी कई एग्जिबिशन मुम्बई और इंदौर में लग चुकी है। कुछ नया करने के जुनून में मीनाक्षी ने अपने इसी हुनर को विश्व में पहचान दिलाने का सपना देखा। इस सोच को एक राह मिली जनवरी 2021 में, जब उन्होंने सबसे छोटे सिक्के (भारतीय मुद्रा) 25 पैसे पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित अन्य महापुरुषों की आकृति को उकेरा। सफेद और काले रंग से उन्होने इस बेहतरीन कलाकारी का सृजन किया। उनकी इस अनोखी पहल को सबसे पहले इंटरनेशनल बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड ने दर्ज किया। इसके बाद इंडिया और फिर एशिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में उनकी कला को आंका गया। बता दें कि 25 पैसे के एक सिक्के पर पेंटिंग बनाने में मीनाक्षी को लगभग साढ़े 4 मिनिट का समय लगता है। इस तरह से उन्होंने 37 सिक्कों पर आकृति बनाकर अपने नाम पर सबसे स्माल पेंटिंग बनाने का वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज कराया है। उनकी इस अभिर रुचि को उनके परिवार ने हमेशा ही प्रोत्साहित किया है और आज सारे परिवार आज उनकी इस सफलता पर गर्व है।
2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।