कृषि मंत्री को किसानों का जवाब, बंगले पर आकर बताएँगे “कृषि कानूनों में काला क्या है?”

ग्वालियर, अतुल सक्सेना। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर  (Narendra Singh Tomar) के ग्वालियर स्थित सरकारी बंगले पर धरना शुरू करने की अनुमति नहीं मिलने के बाद भी किसानों ने जारी रखने की घोषणा की है। किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल आज कलेक्टर से मिलकर कृषि मंत्री के बंगले के बाहर धरने की अनुमति मांगने गया था  लेकिन प्रशासन ने अनुमति देने से इंकार कर दिया। उधर किसान नेताओं ने कहा कि वे दो दिन बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के बंगले के बाहर जाकर बताएँगे कि कृषि कानूनों में काला क्या है?

ग्वालियर में 49 दिन से फूलबाग चौराहे पर चल रहे धरने को प्रशासन द्वारा रात के अँधेरे में हटाए जाने से आक्रोशित किसान नेताओं ने आज सोमवार से केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के ग्वालियर स्थित सरकारी बंगले के बाहर धरना देने की घोषणा की थी। धरने की अनुमति मांगने आज किसान कलेक्ट्रेट पहुंचे थे । कलेक्टर की अनुपस्थिति में एसडीएम एचएस मिश्रा एवं  विनोद भार्गव ने आकर किसान प्रतिनिधिमंडल से बात की। किसानों ने कृषि मंत्री के बंगले पर धरना शुरू करने की मांग की एवं साथ ही फूलबाग चैराहे पर शांतिपूर्वक धरना दे रहे किसानों के टेंट को रात के अंधेरे में हटाने की तीव्र निंदा की।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....