Shivpuri News: कुपोषण के खिलाफ एसडीएम ने सामाजिक संस्थाओ के साथ मिलकर शुरू की नई पहल

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शिवपुरी, मोनू प्रधान। कोलारस में बच्चों को कुपोषण (Malnutrition) से मुक्ति दिलाने के लिए और अपने क्षेत्र के कुपोषित बच्चों (Undernourished children) में से किसी एक को गोद ले सकें और उस बच्चे का कुपोषण दूर करने में सहायक बनने के लिए कोलारस एसडीएम गणेश जयसवाल और महिला बाल विकास विभाग (Women Child Development Department) और नगर के समाजसेवियों द्वारा ‘‘स्नेहिल आंचल‘‘ वात्सल्य कि सामाजिक छांव नाम से एक सामाजिक संस्था का गठन किया गया है। ‘‘स्नेहिल आंचल’’ संस्थान ने योजना के तहत क्षेत्र में काम शुरू कर दिया है। और इसमें लोगों का सहयोग भी मिल रहा है। मुहीम में आंगनवाड़ी सुपरवाइजर (Anganwadi Supervisor) व कार्यकर्ता (Worker) गांव-गांव जाकर लोगों को योजना के बारे में बता रहे हैं। वहीं इसके लिए सरपंच, पार्षदों, पंच, समाजसेवियों, जनप्रतिनिधियों से संपर्क किया जा रहा है। साथ ही एक कुपोषित बच्चे की तब तक के लिए जिम्मेदारी लेने की बात कर रहे हैं। जब तक की वह पूरी तरह स्वस्थ न हो जाए।

इसी मुहिम के चलते रविवार को स्नेहबिहारी गार्डन में हुए संस्था के प्रारम्भिक क्रायर्कम में विभा रघुवंशी, रविन्द्र शिवहरे, अनिल गुप्ता, चंचल पाराशर, मनीष गुप्ता, पवन शिवहरे, धमेन्द्र जैन पल्लन, महेश बिंदल, हरिओम रघुवंशी, दीपक जैन, रूद्राक्ष गोलू गौड़, रामबाबू शिवहरे, ब्रजेश गुप्ता, राम सड़ैया, विष्णु वैश्य, संजीव सिंघल, रोहित गर्ग, दीपक गौड़, कुलदीप गर्ग, अनिल जैन, श्रीमती तनवी चैहान, शिखर धाकड़, रामजीलाल धाकड़, विष्णु गोयल ने कुपोषित बच्चे बच्चियो को गोद ले लिया है और उनके स्वस्थ होने तक देखरेख का पूरा बीड़ा उठाया है। साथ ही सभी की और से बच्चो को पोषण रहित सामग्री का वितरण भी किया गया है। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथी के रूप में कोलारस विधायक वीरेन्द्र रघुवंशी विशिष्ठ अतिथी के रूप में एसडीओपी कोलारस अमरनाथ वर्मा, रविन्द्र शिवहरे, धमेन्द्र जैन पल्लन, विभा रघुवंशी शामिल हुए कार्यक्रम कि अध्यक्ष्ता कोलारस एसडीएम गणेश जयसवाल ने कि और मंच संचालन संजय श्रीवास्तव, पवन शिवहरे द्वारा किया गया। कार्यक्रम का शुभारंम अतिथियों ने मां सरस्वती के छाया चित्र के सामने दीप प्रज्वलित करते हुए किया। कोलारस एसडीएम ने कार्यक्रम के शुरूआत के बाद कुपोषण कि भारत में बड़ते प्रकोप को लेकर चिंता जताई और कहा कि पूरे प्रदेश कुपोषण के शिकार बच्चों को देखभाल की सख्त जरूरत है। प्रदेश सरकार कुपोषण के शिकार बच्चों के बेहतर सेहत के लिए पौषित आहार उपलब्ध करा रही है। बच्चों को जन्म के साथ 3 साल तक बेहतर पोषण आहार कि जरूरत होती है। इस बीच कोई लापरवाही हुई तो बच्चे का विकास रूक सकता है। जब एक बच्चा स्वस्थ होता है तो उसे कई तरह के फायदे होते हैं। एक तो उसका सर्वांगीण विकास होता है। दूसरा परिवार पर किसी तरह का आर्थिक बोझ भी नहीं पड़ता है। ऐसी परिस्थिति को दूर करने के लिए सरकार के साथ-साथ आम लोगों को भी मुहिम से जुड़ना होगा। सरकारी प्रयास के साथ सामाजिक प्रयास भी कुपोषण को दूर करने के लिए जरूरी है।


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Harpreet Kaur