जबलपुर, संदीप कुमार। मध्यप्रदेश के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी (Dr Prabhuram Chaudhary) ने जिला अस्पताल जबलपुर (District Hospital Jabalpur) के बच्चा वार्ड में भर्ती मरीजों और उनके परिजनों से वीडियो कॉल के जरिये बातचीत की और अस्पताल की व्यवस्थाओं के बारे में उनसे फीडबैक लिया ।
अस्पतालों में भर्ती मरीजों के हालचाल जानने और अस्पतालों की सुविधाओं की हकीकत जानने के लिए स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी (Health Minister Dr Prabhuram Chaudhary) ने वीडियो कॉल पर बात की। डॉ प्रभुराम चौधरी (Dr Prabhuram Chaudhary) ने मरीजों और उनके परिजनों को वीडियो कॉल की शुरुआत में अपना परिचय दिया । साथ ही उनसे अस्पताल की व्यवस्थाओं और उपचार की सुविधाओं के बारे में खुलकर अपनी बात उनके सामने रखने के लिए कहा । स्वास्थ्य मंत्री (Health Minister) ने मरीजों से उनकी कुशलक्षेम पूछी तथा उनके शीघ्र होने की कामना की ।
बातचीत के दौरान डॉ प्रभुराम चौधरी (Dr Prabhuram Chaudhary) ने मरीजों और उनके परिजनों से पूछा कि डॉक्टर नियमित रूप से राउंड पर आते हैं या नहीं तथा दवाइयां अस्पताल से ही मिल रहीं हैं, उन्हें बाजार से खरीदनी तो नहीं पड़ती । डॉ प्रभुराम चौधरी (Dr Prabhuram Chaudhary) ने चर्चा में भर्ती मरीजों और उनके परिजनों से अस्पताल की व्यवस्थाओं को लेकर किसी भी तरह की समस्या होने पर इसकी जानकारी तत्काल उन्हें देने का अनुरोध भी किया ।
बच्चा वार्ड में भर्ती मरीजों और उनके परिजनों से हालचाल और अस्पताल की व्यवस्थाओं की जानकारी लेने के बाद स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी (Health Minister Dr Prabhuram Chaudhary) ने जिला अस्पताल के ही आईसीयू वार्ड में भर्ती कोरोना मरीजों के परिजनों से भी वीडियो कॉल के माध्यम से बात की । उन्होंने मरीजों को दिये जा रहे उपचार के बारे में भी परिजनों से जानकारी ली । बातचीत के दौरान मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी (Dr Prabhuram Chaudhary)से मरीजों और उनके परिजनों ने अस्पताल की व्यवस्थाओं की सराहना की । मरीजों ने स्वास्थ मंत्री को बताया कि डॉक्टर नियमित रूप से उन्हें देखने आते हैं और दवाइयां भी अस्पताल से ही दी जा रही है । इस दौरान जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ सीबी अरोरा एवं मीडिया अधिकारी अजय कुरील भी मौजूद थे ।
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....