नगर निगम ने लगाया सफाई के नाम पर नया कर, चेंबर ने बताया जनविरोधी, परिषद लौटा चुकी थी प्रस्ताव

ग्वालियर। नगर निगम प्रशासक ने निगम परिषद द्वारा दो बार लौटा दिये गए सफाई शुल्क के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। नगर निगम ने नया कर उपभोक्ता शुल्क के नाम से लगाया है। इसकी दर 250 रुपए से 1.20 लाख रुपए सालाना तय की गई है। नये शुल्क का मप्र चेंबर ऑफ कॉमर्स ने विरोध किया है। चेंबर ने इसे जन विरोधी बताते हुए शहर वासियों पर आर्थिक बोझ बढ़ाने वाला बताया है। चेंबर ने मुख्यमंत्री सहित अन्य मंत्रियों, पूर्व केंद्रीय मंत्री सिंधिया, स्थानीय सांसद, विधायकों एवं निगम प्रशासक को पत्र लिखकर इसे वापस लेने की मांग की है।

शुक्रवार को ग्वालियर नगर निगम प्रशासक की कुर्सी संभालने वाले संभाग आयुक्त एमबी ओझा ने सबसे पहले उस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी जो दो साल से अटका था और नगर निगम परिषद इसे दो बार लौटा चुकी थी। सफाई के लिए लगाए गए नए उपभोक्ता शुल्क की वसूली के लिए 15 कैटेगरी तय की गई हैं। इसमें संपत्ति के उपयोग और आकार प्रकार के हिसाब से शुल्क की दरें निर्धारित की गई हैं। निगम को इस नये टैक्स से 20 से 25 करोड़ सालान आय की उम्मीद है। उधर नगर निगम द्वारा लगाए गए उपभोक्ता कर का चेम्बर ने विरोध करते हुए इसे जनविरोधी और ग्वालियर शहरवासियों पर आर्थिक बोझ बढाने वाला बताते हुए इस पर तत्काल रोक लगाए जाने की मांग की है। चेंबर ने इसके लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ, पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, नगरीय विकास मंत्री जयवर्द्घन सिंह, खाद्य नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, पशुपालन मंत्री लाखन सिंह यादव, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती इमरती देवी, ग्वालियर सांसद विवेक नारायण शेजवलकर, ग्वालियर पूर्व विधायक मुन्नालाल गोयल, ग्वालियर दक्षिण विधायक प्रवीण पाठक, ग्वालियर ग्रामीण विधायक भारत सिंह कुशवाह एवं नगर निगम प्रशासक एम बी ओझा को पत्र लिखा है।

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