India Rice Export: केंद्र सरकार ने मॉरीशस को दी चावल निर्यात की मंजूरी, जानिए इसका आम लोगों की जेब पर कितना पड़ेगा असर

India Rice Export: चावल के निर्यात पर भारत सरकार द्वारा प्रतिबंध लगाया है, लेकिन अब कुछ देशों के अनुरोध करने पर उनकी खाद्य सुरक्षा की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए भारत सरकार ने निर्यात की अनुमति दी है।

Rishabh Namdev
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India Rice Export: भारत सरकार ने सोमवार को मॉरीशस को गैर-बासमती सफेद चावल जो कि लगभग 14,000 टन है को निर्यात की मंजूरी दे दी है। वहीं इस मंजूरी के तहत, राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड- नेशनल कोऑपरेटिव एक्सपोर्ट्स लिमिटेड (एनसीईएल) के माध्यम से मॉरीशस को गैर-बासमती सफेद चावल की 14,000 टन निर्यात की जाएगी। यह अनुमति विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) के एक नोटिफिकेशन के तहत दी गई है। जबकि आम लोगों की बात करें तो इससे आम लोगों की जेब पर कोई असर नहीं पड़ने वाला हैं। दरअसल सरकार ने निर्यात शुल्क को बड़ा दिया है जिससे आम लोगों की जेब पर इसका असर नहीं होगा।

सफेद चावल के निर्यात पर लगाया गया है प्रतिबंध:

दरअसल भारत सरकार ने 20 जुलाई, 2023 को गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। हालांकि इस निर्यात का मुख्य उद्देश्य घरेलू सप्लाई को बढ़ावा देना है ताकि देश की खाद्य सुरक्षा में सुधार हो सके। हालांकि, यह प्रतिबंध कुछ देशों के लिए छूट के रूप में है जो अपनी खाद्य सुरक्षा की आवश्यकताओं को पूरा नहीं कर पाते। जबकि पहले से ही भारत ने कुछ अफ्रीकी देशों को इस चावल के निर्यात की अनुमति दी है, जैसे कि तंजानिया, जिबूती, और गिनी-बिसाऊ। साथ ही, अब इस प्रतिबंध को बढ़ाते हुए भारत ने नेपाल, कैमरून, कोटे डि-आइवरी, गिनी, मलेशिया, फिलिपीन, और सेशेल्स जैसे देशों को भी इस चावल के निर्यात की अनुमति दी थी।

जानिए क्या है एनसीईएल?

जानकारी के अनुसार भारत में कई प्रमुख सहकारी संघों में से एनसीईएल या नेशनल कोऑपरेटिव एक्सपोर्ट्स लिमिटेड एक महत्वपूर्ण सहकारी संघ है। यह संघ देश के कुछ प्रमुख सहकारी संघों में से एक है जिसमें अमूल, इफको, कृभको, और नैफेड जैसी संघों का साथ है। एनसीईएल के माध्यम से चावल का निर्यात संभव है, जिसके लिए यह संघ देशभर में सक्रिय रूप से काम कर रहा है।

चावल के निर्यात पर केंद्र का बैन जारी:

वहीं फरवरी में, केंद्र सरकार ने चावल के निर्यात पर 20 फीसदी की एक्सपोर्ट ड्यूटी को 31 मार्च 2024 के बाद भी जारी रखने का निर्णय लिया था। इसके अतिरिक्त, उन्होंने गेहूं के निर्यात पर भी प्रतिबंध लगा दिया था जो की मई 2022 में फैसला लिया गया था। इसके बाद, जुलाई 2023 में, गैर बासमती चावल के निर्यात पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया था। यह निर्णय खासकर भारतीय बाजारों को स्थिरता प्रदान करने और घरेलू खाद्य संसाधनों को सुनिश्चित करने के लिए लिया गया था।


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मैंने श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय इंदौर से जनसंचार एवं पत्रकारिता में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। मैं पत्रकारिता में आने वाले समय में अच्छे प्रदर्शन और कार्य अनुभव की आशा कर रहा हूं। मैंने अपने जीवन में काम करते हुए देश के निचले स्तर को गहराई से जाना है। जिसके चलते मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार बनने की इच्छा रखता हूं।

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