प्रदेश में कोरोना महामारी की रोकथाम से संबंधित विषय पर चर्चा एवं सुझाव हेतु मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को अपने एडवाइजरी पैनल के साथ बैठक की। प्रख्यात व्यक्तित्वों के सलाहकार पैनल(advisiory panel) के साथ अपनी पहली बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान(cm shivraj singh chouhan) ने गुरुवार को मप्र में कोरोनोवायरस की स्थिति पर चर्चा की और सदस्यों को महामारी को रोकने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से अवगत कराया। मुख्यमंत्री ने स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए सदस्यों से सुझाव भी मांगे।
सरकार ने प्रदेश में कोरोना महामारी से लड़ने के लिए तैयार की अपनी सारी नीतियों से भी एडवाइजरी कमिटी को अवगत करवाया। जिसके बाद नोबेल पुरस्कार(nobel award) विजेता(winner) बाल अधिकार कार्यकर्ता कैलाश सत्यार्थी(kailash satyarthi) ने कहा कि मुख्यमंत्री महामारी को नियंत्रित करने के लिए पूरी ईमानदारी से काम कर रहे हैं और उम्मीद है कि जल्द ही स्थिति नियंत्रण में होगी। उन्होंने कहा कि कोरोनावायरस के खिलाफ खुद को बचाने के बारे में सार्वजनिक जागरूकता पैदा की जानी चाहिए। लेकिन यह इस तरीके से किया जाना चाहिए कि इससे उनमें तनाव और घबराहट पैदा न हो। सेवानिवृत्त आईपीएस(IPS) अधिकारी सरबजीत सिंह ने कहा कि रोकथाम क्षेत्रों पर अधिक ध्यान देने और लोगों को आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता पर ध्यान देने की आवश्यकता है जबकि सेवा भारती का प्रतिनिधित्व करने वाले नवल किशोर ने कहा कि अलगाव केंद्रों(Isolation centers) को साफ और अच्छी तरह से सुसज्जित रखने पर ध्यान दिया जाना चाहिए।
वहीं पूर्व मुख्य सचिव निर्मला बुच ने कहा कि अगर महामारी लंबी खिंचती है तो जो रोज़ाना काम करने के लिए बाहर जाते हैं उन लोगों के जांच के लिए कुछ तंत्र को काम करना होगा। उन्होंने कहा कि सोशल डिस्टन्सिंग(soial distancing) अब जीवन का एक तरीका बन जाना चाहिए। सामाजिक कार्यकर्ता रामेंद्र सिंह ने कहा कि भारिया, सहरिया और बैगा जनजातियों के खातों में नकदी जमा की जा रही है। इस संकट की घड़ी में राज्य सरकार ने उनके लिए काम किया है। उन्होंने कहा कि कोरोनावायरस के बारे में लोगों में तनाव और भय से निपटने के लिए मुहल्ला स्तर पर समितियों का गठन किया जाना चाहिए।
डॉ दीपक शाह के साथ पैनल के डॉक्टरों(doctors) ने भी मूल्यवान सुझाव दिए और मास्क(masks) और अन्य सुरक्षात्मक गियर(protective gear) के उचित निपटान पर जोर दिया। डॉ निशांत खरे ने महामारी से लड़ने के लिए ऐसे तनावपूर्ण समय के दौरान लोगों में सकारात्मकता को प्रभावित करने के बारे में विषय पर जोर दिया। डॉ राजेश सेठ ने कहा कि रायसेन और होशंगाबाद जिलों में कोरोनोवायरस के मामलों पर गौर किया जाना चाहिए और इसके कारणों का पता लगाया जाना चाहिए। जबकि डॉ जे पी दुबे ने जोर देकर कहा कि कोरोनोवायरस महामारी(coronavirus pandemic) के इलाज में सूक्ष्म जीवविज्ञानी(Microbiologist) और ईएनटीक्टर काफी मदद कर सकते हैं। डॉ मुकुल तिवारी ने कहा कि टेलीमेडिसिन(telemedicine) एमपी(mp) के कोरोनावायरस रोगियों के इलाज में बहुत मदद कर सकता है। मुख्यमंत्री(chiefminister) ने चर्चा में सभी प्रतिभागियों को धन्यवाद दिया और कहा कि उनके बहुमूल्य सुझाव निश्चित रूप से राज्य सरकार को महामारी से निपटने में अधिक प्रभावी रूप से मदद करेंगे।