Lok Sabha Elections 2024 : पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने इंदौर की घटना के बाद बीजेपी पर निशाना साधा है। उन्होंने सवाल किया कि भाजपा अपने ही गढ़ में इतनी घबराई हुई क्यों है। उनका कहना है कि सूरत और इंदौर में हुई घटनाओं से ये लग रहा है जैसे बीजेपी और पीएम मोदी अपने ही गढ़ में डरे हुए है। वहीं उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के मराठवाड़ा दौरे से पहले उनसे कुछ सवाल भी किए हैं।
‘अपने ही गढ़ में क्यों डरी हुई है भाजपा’
एक्स पर पोस्ट करते हुए जयराम रमेश ने कहा है कि ‘1984 के बाद से सूरत और इंदौर लोकसभा सीट कांग्रेस नहीं जीती है। फिर भी 2024 में दोनों सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवारों को अपना नामांकन वापस लेने के लिए डराया-धमकाया गया और उन पर दबाव डाला गया। भाजपा के गढ़ में भी प्रधानमंत्री इतने घबराए और डरे हुए क्यों हैं?’
पीएम मोदी के मराठवाड़ा दौरे से पहले किए सवाल
वहीं उन्होने पीएम मोदी के मराठवाड़ा दौरे से पहले उनसे सवाल किए हैं। उन्होंने एक्स पर पूछा है कि ‘ पीएम ने मराठवाड़ा के किसानों की पीड़ा को क्यों नजरअंदाज किया? मराठवाड़ा में पानी की कमी को दूर करने के लिए प्रधानमंत्री के पास क्या विज़न है? केवल गुजरात के सफेद प्याज़ से ही निर्यात बैन क्यों हटाया गया है?’
‘किसानों के लिए क्या किया’
जयराम रमेश ने एक्स पर लिखा है कि ‘2023 की पहली छमाही में, महाराष्ट्र में सबसे अधिक मराठवाड़ा क्षेत्र में किसानों ने आत्महत्या की है। मराठवाड़ा में कम से कम 685 किसानों ने अपनी जिंदगी समाप्त कर ली है। राज्य के कृषि मंत्री के गृह ज़िले बीड में सबसे ज़्यादा 186 मौतें हुईं हैं। पिछले 4 महीनों से सूखे की स्थिति का सामना कर रहे मराठवाड़ा क्षेत्र को अब बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से गंभीर नुक़सान हुआ है। बड़े पैमाने पर फसलें बर्बाद हुई हैं। लेकिन सत्तारूढ़ भाजपा सरकार ने न तो इस घटना को राष्ट्रीय आपदा घोषित किया है और न ही किसी तरह की राहत की घोषणा की है। यह उस सरकार के लिए कोई आश्चर्य की बात नहीं है जो मराठवाड़ा की जीवन रेखा, गोदावरी नदी की देखभाल करने में भी विफल रही है। भले ही 2022 में नदी की सफाई के लिए 88 करोड़ रुपए आवंटित किए गए, लेकिन कोई ठोस सुधार नहीं हुआ है। ये फंड कहां गायब हो गए? मराठवाड़ा के किसानों को सूखे और प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए बीजेपी और पीएम मोदी क्या कर रहे हैं? किसानों की आत्महत्या को रोकने के लिए उनके पास क्या विज़न है?’
‘पानी की कमी से निपटने के लिए क्या विज़न है’
‘मराठवाड़ा में 600 से अधिक गांव और 178 बस्तियां पीने के पानी की भारी कमी के बीच पानी के टैंकरों पर निर्भर हो गए हैं। इस साल महाराष्ट्र का अधिकांश हिस्सा पानी की कमी से जूझ रहा है। मराठवाड़ा सबसे अधिक प्रभावित हुआ है – पीने के पानी के जलाशयों की क्षमता केवल 19% है, जबकि पिछले साल यह 40% थी। इस आपदा से राहत देने की कोशिश करने के बजाय भाजपा के नेता ज़िम्मेदारी से भाग रहे हैं, आरोप – प्रत्यारोप का खेल खेल रहे हैं और राहत एवं सहायता योजनाओं के कार्यान्वयन में व्यापक भ्रष्टाचार के आरोपों को संबोधित करने में विफल रहे हैं। मराठवाड़ा में पानी की कमी से निपटने के लिए प्रधानमंत्री के पास क्या विज़न है?’
‘प्याज़ उगाने वाले किसानों की उपेक्षा क्यों’
‘दिसंबर 2023 से, महाराष्ट्र में प्याज़ के किसान मोदी सरकार के प्याज निर्यात पर प्रतिबंध से जूझ रहे हैं। खेती के मौसम के दौरान, राज्य असंतोषजनक वर्षा और जल संकट से प्रभावित था और अधिकांश किसान अपनी सामान्य फ़सल का केवल 50% ही उत्पादन कर पाए थे। जब अंततः प्याज की कटाई और खुदाई हुई तो किसानों को मनमाने निर्यात प्रतिबंध का सामना करना पड़ा, जिसके कारण बिक्री की कीमतें बेहद कम हो गईं। परिणामस्वरूप, पिछले पांच महीनों में किसानों को काफी नुक़सान हुआ है। उनके जले पर नमक छिड़कते हुए, कल मोदी सरकार ने सफेद प्याज के निर्यात की अनुमति दे दी, जो मुख्य रूप से गुजरात में उगाया जाता है। महाराष्ट्र के किसानों – जो मुख्य रूप से लाल प्याज उगाते हैं – को छोड़ दिया गया है। क्या प्रधानमंत्री मोदी बता सकते हैं कि उनकी सरकार ऐसा क्यों कर रही है? उन्होंने महाराष्ट्र के प्याज़ किसानों की उपेक्षा क्यों की है? कांग्रेस का न्याय पत्र किसानों पर अंतिम समय में थोपी जाने वाली ऐसी विनाशकारी नीतियों को रोकने के लिए एक स्थिर, पूर्वानुमानित आयात-निर्यात नीति का वादा करता है। किसानों को नीतिगत स्थिरता का आश्वासन देने के लिए मोदी सरकार के पास क्या विज़न है?’
1984 के बाद से सूरत और इंदौर लोकसभा सीट कांग्रेस नहीं जीती है।
फिर भी 2024 में दोनों सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवारों को अपना नामांकन वापस लेने के लिए डराया-धमकाया गया और उन पर दबाव डाला गया।
भाजपा के गढ़ में भी प्रधानमंत्री इतने घबराए और डरे हुए क्यों हैं?
Since 1984 the…
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) April 30, 2024
आज मराठवाड़ा जा रहे प्रधानमंत्री से हमारे सवाल:
1. पीएम ने मराठवाड़ा के किसानों की पीड़ा को क्यों नजरअंदाज किया?
2. मराठवाड़ा में पानी की कमी को दूर करने के लिए प्रधानमंत्री के पास क्या विज़न है?
3. केवल गुजरात के सफेद प्याज़ से ही निर्यात बैन क्यों हटाया गया है?
जुमलों का…
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) April 30, 2024