भोपाल
विश्व (world) और देश (country) सहित मध्य प्रदेश (madhya pradesh) में भी इस समय कोरोना (corona) की दहशत है और इन सब के बीच में मध्य प्रदेश के लोगों को इस बात का भी इंतजार है कि आखिरकार शिवराज मंत्रिमंडल (shivraj cabinet) का विस्तार कब होगा।
दरअसल जब शिवराज सिंह चौहान ने पांच मंत्रियों को शपथ दिलाई थी और उनमें केवल दो सिंधिया समर्थक पूर्व मंत्री शामिल किए गए थे तब खुद ज्योतिरादित्य सिंधिया (jyotiraditya scindia) ने अपने समर्थक पूर्व विधायकों को आश्वस्त किया था कि 3 मई के बाद उन्हें भी मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा। लेकिन 3 मई को गुजरे भी अब एक सप्ताह होने को आ गया और अब तक मंत्रिमंडल विस्तार की कोई सुगबुगाहट तक नहीं । ऐसे में सिंधिया के समर्थन में कांग्रेस छोड़कर आए पूर्व विधायकों में खलबली और झुंझलाहट स्वाभाविक है।हालांकि पूछे जाने पर सभी का यही जवाब होता है कि जब महाराज और शिवराज चाहेंगे तब वे मंत्री बन जाएंगे।
दरअसल शिवराज (shivraj) के सामने सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि सीमित मंत्रिमंडल सदस्यों की संख्या के सामने दावेदारों की लंबी फेहरिस्त है और यदि सिंधिया समर्थक पूर्व विधायकों को जोड़ लिया जाए तो बीजेपी के कुल 23 विधायकों को ही मंत्री बनाया जा सकता है । लेकिन हालात यह है कि मंत्रिमंडल के दावेदारों में बीजेपी के कम से कम 40 ऐसे विधायक हैं जो ताल ठोंककर अपनी दावेदारी दमदार तरीके से रखते हैं। ऐसे में शिवराज चाहते हैं कि वे एक बार दिल्ली (Delhi) जाकर आलाकमान से मंत्रिमंडल को लेकर मशविरा करें और उसके बाद मंत्रिमंडल का विस्तार करें। लेकिन आलाकमान इस समय कोरोना से निपटने में व्यस्त है तो पूरी संभावना इस बात की है कि जब तक हालात नहीं सुधरती, शिवराज मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं होगा।