भोपाल
भोपाल के कलेक्टर तरुण पिथोड़े (collector tarun pithode) का एक अखबार में छपा बयान शहर में खलबली का कारण बन गया है। दरअसल एक समाचार पत्र में छपे बयान में पिथोड़े ने कहा था कि भोपाल (bhopal) में कोरोना को लेकर कम्युनिटी स्प्रेड (सामुदायिक संक्रमण)की दस्तक कही जा सकती है। हालांकि पिथोड़े ने यह भी कहा कि स्थिति अब भी नियंत्रण में है और कोरोना सोर्स की पहचान कर संक्रमण की चेन तोड़ रहे हैं। लेकिन इससे उलट 9 मई को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (cm shivraj singh chauhan) ने कहा था कि प्रदेश में कोरोना के पॉजिटिव प्रकरणों की तुलना में कोरोना के एक्टिव केसेस में निरंतर कमी आ रही है, जो कि बहुत अच्छा संकेत है। हम कोरोना पर पूर्ण नियंत्रण करने की दिशा में तेज गति से आगे बढ़ रहे हैं।
प्रदेश में गत 16 अप्रैल को कोरोना पॉजिटिव केसेस (corona positive case) की तुलना में कोरोना के एक्टिव केसेस (active case) का प्रतिशत 90 था, जो 9 मई को घटकर 51 रह गया है। इसी प्रकार 30 अप्रैल को मध्यप्रदेश में कोरोना के एक्टिव प्रकरणों की संख्या 2050 थी, जो 9 मई को घटकर 1767 रह गई है। अब पिथोड़े के इस बयान के बाद शहर में डॉक्टरों (doctors) के पास कई लोगों के फोन जा रहे हैं और वे हाइड्रो क्लोरोक्वीन जैसी गोलियों की डिमांड कर रहे हैं। इतना ही नहीं लोग यह भी पूछ रहे हैं कि और क्या सुरक्षात्मक उपाय कोरोना से बचने के लिए करने चाहिए। सरकार (government) लगातार यह दावा करती रही है कि अभी कोरोना सामुदायिक संक्रमण की स्थिति में नहीं आया है लेकिन कलेक्टर (collector) के इस बयान के बाद अब सरकार के बयान पर ही सवालिया निशान खड़े हो गए हैं।